VYAVASAYA VIMARSH

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[12:14, 10/1/2020] Raahul Lakhera: ग्रंथ परिचय

हमारे ऋषि मनीपियों ने भारतीय संस्कृति एवं संस्कार के अलौकिक आलोक में व्यवसाय का विस्तृत व्यवस्था को परम्परागत प्रतिमा, शिक्षा, चोग्याल, विद्वता तथा कार्य कौशल के आधार पर अंखलाबद्ध किया है। सम्प्रति, उपयुक्त व्यवसाय के चुनाव हेतु माता-पिता का प्रारम्भिक दायित्व यही है कि ये खास की अभिरुचि के अनुसार उसके पलाय की दिशा बाल्या में ही सुनिश्चित करें और तदनुसार ही शिक्षा-दीया का आकार-प्रकार निर्मित करें। उपयुक्त विषय के अध्ययन के साथ साथ श्रेष्ठ शिक्षा प्रतिष्ठान, पोग्य, सुशिक्षित व अनुभवी शिक्षक, बालक के भविष्य के व्यवसाय के संदर्भ में प्रमुख भूमिका का निर्वाह करते हैं। इरा प्रकार जातक की अभिरुधि य ग्रहस्थिति के अनुसार उसकी शिक्षा के परिणाम भी अत्यन्त उञ्चल होंगे, जो उसके प्रवाल व्यवसाय के निर्माण में अत्यन्त सहायक सिद्ध होगी। व्यवसाय विगर्श को अग्राविता बारह अध्यायों में विभाजित किया गया है

. अनुभव सिद्ध शोध सूत्र, 2. न्याय संदर्भित निजी व्यवसाय अर्थात् अधिवक्ता बनने के ग्रह योग, 3 पुलिस एवं रक्षा विभाग, 4. अ टेतु व्रह्योग, 5. लेखाकार : एक व्यवसाय, 6. पत्रकारिता : एक व्यवसाय, 7. विज्ञान एक व्यवसाय, 8. खेलकूद । एक व्यवसाय, 9. अभिनय : एक व्यवसाय, 10 सन्त, सन्यासी एवं महर्षि बनने के योग, ।। व्यवसाय का विचार : नवांश का आधार, 12. दशमांश चक्र और आजीविका। उपयुक्त व्यवसाय का चुनाव उतना ही आवश्यक है जितना कि अनुकूल शिक्षा का बुनाव। व्यवसाय पर केन्द्रित इस शोध प्रबन्ध के अध्ययन और अनुसरण के उपरान्त

ज्योतिर्विदों की, आगंतुकों के व्यवसाय पथ प्रदर्शन हेतु दिशा-निर्देश करने की चेष्टा समाज के उपसर्ग और उत्पादन में अप्रतिम सहयोग प्रदान करें यही हमारी गंगलाशा है। व्यवसाय विकास के अन्तर्गत कतिपय प्रमुख व्यवसाय हेतु उत्तरदायी ग्रह योगों का समावेश किया गया है जिनके अध्ययन, अनुसरण और क्रियान्वयन द्वारा जातक के व्यवसाय को रेखांकित करने में सफलता प्राप्त होती है। बीमारी मृदुला त्रिवेदी तथा री पी. त्रिवेदी का ज्योतिष शास्त्र पर आधारित 40 वर्षों से भी अधिक का अनुभव और अनुसंधान, जो विशेष रूप से व्यवसाय पक्ष पर केन्द्रित है, का बहुआयामी विश्लेषण गवसाय विमर्श में समायोजित है।

सटीक व्यवसाय का निर्णय करने हेतु नवांश और दशमांश चक्र के अध्ययन की अनिवार्य संदिग्ध है। दशमांश चक्र के आधार पर जन्म राम का संशोधन करने को प्रविधि भी व्यवसाय विमर्श के अन्तर्गत व्याख्यायित है जिसके आधार पर प्रुटिपूर्ण शमशि, नवांश और जन्मांग का संशोधन करने के उपरान्त व्यवसाय सम्बन्धी सटीक भविष्यकथन करने में अप्रत्याशित सफलता प्राप्त होती है। अत: व्यवसाय विमर्श समस्त ज्योतिष प्रेमियों, अध्येताओं, जिताओं, विरुद्ध पाठकों आदि के लिए पठनीय, अनुवारणीय एवं संग्रहालय है।

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