Vitta vridhhi [hindi] [AP]

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Description

सर्वाधिक प्रबल परिहार प्रधान के परिज्ञान से संयुक्त संपुष्ट सारगर्भित सार्वभौमिक, सार्वलौकिक, पूर्णत प्रमाणित प्रतिष्ठित एवं परीक्षित कृति है वित्त वृद्धि । सम्प्रति, सत्तर से भी अधिक वृहद सारगर्भित, प्रमाणित ग्रन्थों के रचनाकार श्रीमती मृदुला त्रिवेदी एवं श्री टी.पी. त्रिवेदी ने वित्त वृद्धि से सम्बनिात विविध परिहार अनुष्ठान, मंत्र साधना आराधना एवं अन्यान्य अदभुत तथा अनुभव अनुष्ठानों को इस कृति में संकलित, संपादित करके पाठकों को हिला प्रस्तुत किया है। वित्त वृद्धि को विषय की विविधता तथा विशिष्टता के आधार पर अग्रांकित बारह विभिन्न आयामों में व्याख्यायित एवं विभाजित किया गया है 1- वित्त अर्जन एवं समृद्धि हेतु कतिपय -तथ्य तथ्य, 2 गणपति साधनाएँ 3. कमलात्मिका तत्व एवं साधनाएँ, 4. लक्ष्मी के प्रसन्नार्थ एकाक्षर मंत्र से लेकर सहस्रनाम स्तोत्र, 5. विद्युत वित्तार्जन हेतु विशिष्ट साधनाएँ 6 विस्तृत वित्तागमन हेतु कतिपय लघु साधनाएँ, 7. मंत्र शक्ति द्वारा वित्त वृद्धि নাत कुवेर साधना 2. माता दुर्गा एवं पदमावती देवी की आराधना द्वारा क 0. वित वृद्धि एवं व्यापार समृद्धि, 11 दीपावली पूजन प्रविधि, सुगम सांकेतिक साधनाएँ।

वित्तीय एवं वित्त संचय पर केन्द्रित वित्त वृद्धि नामक इस कृति में विनोद सम्बन्धी अन्यान्य अनुभव सिद्ध अनुष्ठान, मंत्र विधान कथा अनुभव अनुशासन आविष्ठित है जिनके सतर्क बयान विधि संपादन अद्धा एवं समर्पणयुक्त प्रतिपादन द्वारा महालक्ष्मी की अपार कृपा असंदिका है महालक्ष्मी के पदपकज का प्राजल पंचामृत संबंधित यंत्रों तथा अनुभव मंत्रों द्वारा सविधि निषेचन करने का परिश्रम-साध्य प्रयास वित्त वृद्धि की सारगर्भिता का प्रमाण है।

ज्योतिष एवं मंत्र शास्त्र के गहन एवं दुर्लभ रहस्य के सम्यक ज्ञान हेतु वित्त वृद्धि एक अमूल्य निधि है, जो प्रबुद्ध पाठकों के लिए अनुकरणीय सराहनीय और सर्च हणीय है।

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