VARSH YOG SAMOOH [KEMRAJ]
Description
à¤à¥‚मिका
à¤à¤¾à¤°à¤¤ वरà¥à¤· की समà¥à¤ªà¥‚रà¥à¤£ विदà¥à¤¯à¤¾à¤“ं से जà¥à¤¯à¥‹à¤¤à¤¿ अलौकिक विदà¥à¤¯à¤¾ है, जिसके दà¥à¤µà¤¾à¤°à¤¾ यहाठके विदà¥à¤µà¤¾à¤¨ à¤à¥‚त, à¤à¤µà¤¿à¤·à¥à¤¯ और वरà¥à¤¤à¤®à¤¾à¤¨ का समाचार यथारà¥à¤¥ जान सकते चे, यह विदà¥à¤¯à¤¾ चनà¥à¤¦à¥à¤° सूरà¥à¤¯ आदि गà¥à¤°à¤¹à¥‹à¤‚ के आधार से है जिस पà¥à¤°à¤•à¤¾à¤° चनà¥à¤¦à¥à¤°, सूरà¥à¤¯, जगत के पà¥à¤°à¤•à¤¾à¤¶à¤• हैं इसी पà¥à¤°à¤•à¤¾à¤° जà¥à¤¯à¥‹à¤¤à¤¿à¤· विदà¥à¤¯à¤¾ है और चà¥à¤ªà¥€ अनà¥à¤¦à¥à¤°à¤®à¥‚रà¥à¤¯à¤¯à¥‹à¥¤ থति के अबलमà¥à¤¬ से यह विदà¥à¤¯à¤¾ परमातà¥à¤®à¤¾ के नेतà¥à¤°à¤µà¤¤à¥ समानी चाहिये जय इस विदà¥à¤¯à¤¾ का पूरà¥à¤£ विचार था, तब तक इस देश की बडी उनà¥à¤¨à¤¤à¤¿ थी, बहà¥à¤¤ सà¥à¤¯à¤¾, इसके आधार से यहाà¤à¤• समà¥à¤°à¤¾à¤Ÿà¥‹à¤‚ के चरवà¥à¤¤à¥€ पà¥à¤¤à¥à¤° हà¥à¤ है मà¥à¤¹à¥‚रà¥à¤¤ मे ही गरà¥à¤à¤¾à¤§à¤¾à¤¨à¤¾à¤¦à¤¿ संसà¥à¤•à¤¾à¤° तथा सब शà¥à¤à¤•à¤¾à¤°à¥à¤¯ नगरनिरà¥à¤®à¤¾à¤£à¤¾à¤¦à¤¿ विजय यातà¥à¤°à¤¾ जब तक होती रही तब तक यह देश उनà¥à¤¨à¤¤à¤¿ के शिखर पर रहा. कालकà¥à¤°à¤® से कà¥à¤² पूजà¥à¤¯ आचारà¥à¤¯à¥‹à¤‚ चितà¥à¤¤ में आलसà¥à¤¯ आने सà¥à¤—ा अरà¥à¤¥à¤¾à¤¤à¥ जब कà¥à¤·à¤¤à¥à¤°à¤¿à¤¯ वैशà¥à¤¯ दिने विचार किया कि, सब कृतà¥à¤¯ आचारà¥à¤¯ आदि दà¥à¤µà¤¾à¤°à¤¾ पूरà¥à¤£ होते ही हैं, विदà¥à¤¯à¤¾ में परिशà¥à¤°à¤® कà¥à¤¯à¥‹à¤‚ करें यह विचार के जब उनà¥à¤¹à¥‹à¤‚ने पढ़ना तà¥à¤¯à¤¾à¤— दिया था कà¥à¤²à¤¾à¤šà¤¾à¤°à¥à¤¯ à¤à¥€ बजमानों को मूरà¥à¤· विचार अतà¥à¤¯à¤¨à¥à¤¤ विदà¥à¤¯à¤¾ पड़ने से चिरत रहे और केवल कामचलाऊ विदà¥à¤¯à¤¾ पढकर यजमानों का मनोरंजन करने लगे. इस कारण अविदà¥à¤¯à¤¾ के मà¥à¤¹à¥‚रà¥à¤¤ और फलित में अनà¥à¤¤à¤° पढ़ने लगे जो अचà¥à¤›à¥‡ विदà¥à¤µà¤¾à¤¨à¥ जà¥à¤¯à¥‹à¤¤à¤¿à¤· आदि शासà¥à¤¤à¥à¤°à¥‹à¤‚ के जà¥à¤žà¤¾à¤¤à¤¾ हैं, उनकी पहà¥à¤‚च उन धनी लोगोंतक वे कà¥à¤²à¤¾à¤šà¤¾à¤°à¥à¤¯ होने नहीं देते. कारण कि, यजमानों मनà¥à¤®à¥à¤– तो उनà¥à¤¹à¥‹à¤‚ने अपने को पूरà¥à¤£ विदà¥à¤µà¤¾à¤¨ रकà¥à¤¤à¤¾ है. विदà¥à¤µà¤¾à¤¨ के जाने से उनकी मालई घà¥à¤² जाय इस कारण उनको वे पà¥à¤°à¤µà¥‡à¤¶ नहीं होने देते और इधर वे विदà¥à¤µà¤¾à¤¨à¥ वृतà¥à¤¤à¤¿ मरà¥à¤¶à¤¿à¤¤ होने से वà¥à¤°à¤¤ होते जाते हैं. धन यजमानों का इस विदà¥à¤¯à¤¾ से विशà¥à¤µà¤¾à¤¸ उठा जाता है, जिनपर कà¥à¤› आता है वे बताना नहीं चाहते इस कारण विदà¥à¤¯à¤¾ लà¥à¤ªà¥à¤¤à¤ªà¥à¤°à¤¾à¤¯ होती चली जाती है यहाà¤à¤¤à¤• कि, यह विदà¥à¤¯à¤¾ à¤à¥€ अलà¤à¥à¤¯ रतà¥à¤¨ हो ही है और गà¥à¤°à¤¨à¥à¤¥ पà¥à¤°à¤¾à¤®à¤ƒ लà¥à¤ªà¥à¤¤ होते जाते हैं इस कारण बà¥à¤¦à¥à¤§à¤¿à¤®à¤¾à¤¨à¥‹à¤‚ ने यह विचार किया है कि पà¥à¤°à¤¾à¤šà¥€à¤¨ गà¥à¤°à¤¨à¥à¤¥à¥‹à¤‚ का à¤à¤¾à¤·à¤¾à¤¨à¥à¤µà¤¾à¤¦ करके सरà¥à¤µ साधारण के दृषà¥à¤Ÿà¤¿ गोचर किया लाय जिस से पà¥à¤°à¤¾à¤šà¥€à¤¨ गà¥à¤°à¤¨à¥à¤¥à¥‹à¤‚ का पà¥à¤°à¤šà¤¾à¤° और उनकी रकà¥à¤·à¤¾ हो और उनसे
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