VARSH PRABODH

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Description

भूमिका

मार्ग और परमार्थ दोनों रे तिने ज्योतिष शास्त्र बहुत ही अचाइमके पनि प्रयों में में घर ही बैठा हुभा धनी मानी और परोपकारी हो सकता है किन्तु एक fr we uint fen नर्स सफलता प्राप्त होती है और ऐसा करने के लिये आजकत के री निमाह निरामय निययुषी लोग मानस ऐसे कामों के अधिकार के लिये श्रीदेवी महागव ने 'बाही महिला आदि कई संहिताओं ने सामग्री इस्ट्री करके बह वर्षप्रयोध बहुत ही उसम निर्माण किया था और इसमें सेी करनेो के उपयोगी, व्यापारियों के उपयोग तथा नाही अच्छा परोपकारी पदों के लिये उपयोगी कई बातों का क्या संग्रह किया था किन्तु कालान्तर के कारण अथवा दुभता से यह सपा शिप मित्र होकर पंडित हो गया और मापनम्मा भप से अब की मिलता भी नहीं है। यद्यपि हिन्दोरीका কत एक मिला है किंतु ऐसा है मानो खुले पत्रो की पुस्तक आधी में रा गई हो और उनी को लडकी बिना नम्बर देना है का हो या कि उसमें एक ही विष दस रस अंगों में आ जाते है और एक] विषय क भि होकार ित हो है। सभा सी कारण से विानो के उमें ह विेष नही आाता भाग अध्यायो को देखकर हो मैनेज इस पत्रिका फिर से सुबह किया है और नहा जहाजो कुछ बुटिया अधुदिमा न्यूनता का लोम विलोम भी उन सबको कार छाट परबदल और मिथ करके इसे प्रधानाध्य सागोपार-गावस्या और सोनी बनाने का प्रजनन कमा है। जो जो विधान इसमें अदल बदल लोम विलोम और सहित हो गये थे उन सबको अरमपूर्व सिसिलेबार लगाकर माहिती अंगों को और और पके आधार से पूर्ण किया और इसमें से जो अंग जाते रहे ये उनके सैकड़ों धोक अन्य प्यो में लेकर इस मे लगा डिये विशेषकर राग अनानेबातो की उपयोगी अनुध्यात सम्बन्धी सब मप्र इसमें संयुक्त करीअतएर या अन्य मापार करने वालों, सेतो रने वालो. राग बनाने वाली, ' आदि देशपाती और शुभ अशुभ बालावाली को अमायरा लाभदायक हो सकता है। विद्वान लोग इस सम्मानित सुमुमोपहार को स्वीकार करने में को नहीं लागे। मने अब इस ा वकार भास्कर प्रेस के मालिक के पेमरानी को दे दिया है अएन इसे अन्य कोई पने का दुस्साहस न करे इति शुभम्।

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