Valmiki Ramayan Mein Jyotish RoopRekha By Priya Singh Guided By K N Rao [VP]

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Description


हिन्दू फलित ज्योतिष का एक महत्वपूर्ण अंग है निमित्त। निमित्त का अर्थ है किसी घटना के घटने से पहले घटी सांकेतिक घटनाएँ जो उस घटना के काटने की व उसके शुभ-अशुभ की सूचना देती है। इन घटनाओं के बारे में कई बार स्वयं प्रकृति विभिन्न आकाशीय या वातावरणीय चिनों द्वारा संकेत करती है या व्यक्ति विशेष के स्वप्न, अंग लक्षण इत्यादि। निमित्त शास्त्र भारत जैसे कृषि प्रधान देश में सदियों से चला आ रहा है। यह विद्या अत्यन्त लोकप्रिय भी है क्योंकि अधिकांश ग्रामीण लोग वातावरण के प्रति संवेदनशील रहते है। आज भी बुर्जुग लोग ज्योतिष जाने बिना भी इस

कला में निपुण हैं।

फलित ज्योतिष के इस भाग पर अभी तक कोई विश्वसनीय शोध नहीं हुआ है। परन्तु आज भी घटी अनेक सांकेतिक घटनाएँ हैरत में डाल देती हैं। 21 मई 1991 दिल्ली में अचानक अंधेरा छा गया, वातावरण अत्यन्त भयावह बन गया तेज वर्षा व ओले गिरे। ऐसा लग रहा था जैसे कुछ अप्रिय होने बाला है अप्रिय घटना घटी देश के प्रधानमंत्री राजीव गांधी मारे गए। इस विद्या का पूर्ण विकास पौराणिक काल में हुआ। कोई धर्मग्रन्थ ऐसा नहीं जिसमें इसका उल्लेख नहीं किया गया हो।

रामायण से इन सभी निमित्त धारक पंक्तियों को छाँटकर यहाँ लिपिबद्ध

किया गया है। संस्कृत को शिक्षा प्राप्त करने के बाद प्रिया सिंह प्राचीन ग्रंथों के पठन पाठन में अपना जीवन व्यतीत कर रही थी तब मैंने उन्हें एक सुझाव दिया कि हिन्दू फलित ज्योतिष पर मौलिक शोध न होने के कारण कुछ सामग्री धीरे- धीरे एकत्रित करके अगर प्रस्तुत की जाए तो अनुपम ग्रन्थ तैयार हो सकता है। इस दिशा में उनकी पुस्तक एक अनूठा प्रयास है।

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