Vaivahik Sukh Mein Shani Pramukh [AP]
Description
गà¥à¤°à¤¨à¥à¤¥ परिचय
याहू विलमॠविघटन विसंगतियों विकृति विकतयल] विसà¥à¤¤à¥ƒà¤¤ विसà¥à¤¤à¤¾à¤° के परेक में पापा ने गà¥à¤°à¥ शनि की बेचनामदायक à¤à¥‚मिका के तैशिंाण से पà¥à¤°à¤¾ अनà¤à¤¿, जà¥à¤¯à¥‹à¤¤à¤¿à¤· पà¥à¤°à¥‡à¤®à¤¿à¤¯à¥‹à¤‚ के समान संवरà¥à¤§à¤¨ हेतॠपà¥à¤°à¤µà¤¾à¤¹à¤¿à¤•à¤¾ सà¥à¤– में शनि पà¥à¤°à¤®à¥à¤– नामक शोध संरचना पà¥à¤°à¤¬à¥à¤¦à¥à¤§ पाठकों और जिजà¥à¤žà¤¾à¤¸à¤¾ छातà¥à¤°à¥‹à¤‚ के समकà¥à¤· पà¥à¤°à¤¸à¥à¤¤à¥à¤¤ है। वैवाहिक सà¥à¤– में शमी पà¥à¤°à¤®à¥à¤– चारà¥à¤µà¤¾à¤• इस कृति को इसमें समाधोजित साम के
आधार पर अंकित मर ना मे दिबिगित à¤à¤µà¤‚ त किया
गया है 1. ने आकृति à¤à¤µà¤‚ पà¥à¤°à¤•à¥ƒà¤¤à¤¿: 2 शनि की अनà¥à¤•à¥‚लता ही विवाह की समà¥à¤ªà¤¨à¥à¤¨ सपà¥à¤¤à¤® à¤à¤¾à¤µà¤¸à¥à¤¥ शनि वैवाहिक विषमताà¤à¤; 4 शनी-मंगलसà¥à¤¤ पगार विसंगति कारक गà¥à¤°à¤¹ योग, , वैवाहिक सà¥à¤– में शनि पà¥à¤°à¤à¥à¤–ॠ6. शनि और ववाय 7. यरक à¤à¤µà¤‚ आयॠविनायक शनि शनि शमन हेतॠपरिहार विधान 2 बैवासिक विलमà¥à¤¬ का रामाान साधना और सरकार 10 कारों के विवाह में पकवान à¤à¤µà¤‚ शानà¥à¤¤à¤¿ विधान 11, वैवाहिया विधायी à¤à¤µà¤‚ विघटन शमन विधान।
विधा काल के सटीक परिछन में शनि की अनà¥à¤®à¤¤à¤¿ सà¥à¤°à¥‹à¤¤ है। इस रासà¥à¤¯ को पूरà¥à¤µ चालीस वरà¥à¤·à¥‹à¤‚ से जà¥à¤¯à¥‹à¤¤à¤¿à¤· शासà¥à¤¤à¥à¤° के विà¤à¤¿à¤¨à¥à¤¨ पकà¥à¤·à¥‹à¤‚ पर केनà¥à¤¦à¥à¤°à¤¿à¤¤ वृहद पापन शोष पà¥à¤°à¤•à¥€ के रथ पिता शà¥à¤°à¥€à¤®à¤¤à¥€ मृदà¥à¤²à¤¾ तà¥à¤°à¤¿à¤µà¥‡à¤¦à¥€ कथा शà¥à¤°à¥€ टी.पी. तà¥à¤°à¤¿à¤µà¥‡à¤¦à¥€ ने वैवाहिक सà¥à¤– में शनि पà¥à¤°à¤®à¥à¤– नामक कृति में पà¥à¤°à¤¸à¥à¤¤à¥à¤¤ करके रामसà¥à¤¤ जà¥à¤¯à¥‹à¤¤à¤¿à¤· पà¥à¤°à¥‡à¤®à¤¿à¤¯à¥‹à¤‚ की चेतना को जागृत करने को सपन, सारसà¥à¤µà¤¤ सकलà¥à¤ª को सतरà¥à¤•à¤¤à¤¾ के साथ खाकर रूप रूप में पà¥à¤°à¤¸à¥à¤¤à¥à¤¤ किया है। विवाह का परीकà¥à¤·à¤£ या वैवाहिक विलमà¥à¤¬ और मिथà¥à¤¨ के समाधान हेतॠअनेक अनà¥à¤à¥‚त परिहार पà¥à¤°à¤¾à¤•à¤¾à¤¨ à¤à¥€ इस कृति में समाहित किठगये है, जो वाहिक वेदना और विधाय के समाधान हेतॠपà¥à¤°à¤ªà¥‹à¤œà¤² साधना पथ पà¥à¤°à¤¾à¤°à¥‚पित करेंगे।
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