Uttar Kaalmirtam By Krishna Kumar [AP]
Description
कवि कालिदास की कालजयी रचना आपके हाथ इसकी जितनी à¤à¥€ पà¥à¤°à¤¶à¤‚सा जाठकम है। उतà¥à¤¤à¤° कालामृत काल कर अमृत की पà¥à¤°à¤¾à¤ªà¥à¤¤à¤¿ सफल पà¥à¤°à¤¯à¤¾à¤¸ है। कदाचितॠयह à¤à¤•à¤®à¤¾à¤¤à¥à¤° जातक गà¥à¤°à¤¨à¥à¤¥ जिसमें मà¥à¤¹à¥‚रà¥à¤¤ करà¥à¤®à¤•à¤¾à¤‚ड को à¤à¥€ समà¥à¤®à¤¿à¤²à¤¿à¤¤ कर काल का समनà¥à¤µà¤¿à¤¤ संतà¥à¤²à¤¿à¤¤ चिंतन हà¥à¤† है।
इसमें जनà¥à¤®à¤•à¤¾à¤² लकà¥à¤·à¤£, गà¥à¤°à¤¹ बल फल साथ कारकतà¥à¤µ खंड à¤à¤¾à¤µ गà¥à¤°à¤¹à¥‹à¤‚ कारकतà¥à¤µ विचार हà¥à¤† है। पाठकों की सà¥à¤µà¤¿à¤§à¤¾ के लिठइस टीका राशि शौल कारकतà¥à¤µ जोड़ दिया गया है। आशा महोदय पाठक इस धृषà¥à¤Ÿà¤¤à¤¾ लिठकà¥à¤·à¤®à¤¾ करेंगे।
अधà¥à¤¯à¤¾à¤¯ पà¥à¤°à¤¶à¥à¤¨ तथा विविध फल सहित पà¥à¤°à¤¥à¤® कांड कà¥à¤² आठअधà¥à¤¯à¤¾à¤¯ हैं। इसके बाद दà¥à¤µà¤¿à¤¤à¥€à¤¯ कांड करà¥à¤®à¤•à¤¾à¤‚ड खंड 105 शà¥à¤²à¥‹à¤•à¥‹à¤‚ सà¥à¤–ी
समृदà¥à¤§ जीवन लिठविधि निषेधों विसà¥à¤¤à¤¾à¤° हà¥à¤ˆ है। अनिषà¥à¤Ÿ गà¥à¤°à¤¹ शानà¥à¤¤à¤¿ वà¥à¤°à¤¤ पूजन शà¥à¤°à¤¾à¤¦à¥à¤§ का विशेष महतà¥à¤¤à¥à¤µ करà¥à¤®à¤•à¤¾à¤‚ड खंड शà¥à¤°à¥€à¤•à¥ƒà¤·à¥à¤£ जनà¥à¤®à¤¾à¤·à¥à¤Ÿà¤®à¥€, महाशिवरातà¥à¤°à¤¿, à¤à¤•à¤¾à¤¦à¤¶à¥€ तथा पिंडदान पर विशेष चरà¥à¤šà¤¾ हà¥à¤ˆ तीरà¥à¤¥ नियम जप (शà¥à¤²à¥‹à¤• संखà¥à¤¯à¤¾ 73) वरà¥à¤£à¤¨ हà¥à¤† है।
कवि कालिदास के उतà¥à¤¤à¤° कालामृत आदरणीय वी.सà¥à¤¬à¥à¤°à¤®à¤£à¥à¤¯à¤® शासà¥à¤¤à¥à¤°à¥€ और शà¥à¤°à¥€ शासà¥à¤¤à¥à¤°à¥€ अंगà¥à¤°à¥‡à¤œà¥€ à¤à¤¾à¤·à¤¾ तथा जगनà¥à¤¨à¤¾à¤¥ à¤à¤¸à¥€à¤¨ टीका हिनà¥à¤¦à¥€ à¤à¤¾à¤·à¤¾ उपलबà¥à¤§ है।
कदाचितॠइस पर नई टीका आवशà¥à¤¯à¤•à¤¤à¤¾ नहीं किनà¥à¤¤à¥ इस अचरजपूरà¥à¤£ गà¥à¤°à¤¨à¥à¤¥ को पढ़ने लगा कि शायद कहीं कà¥à¤› छूट गया उसे पूरा करने का यह छोटा सा पà¥à¤°à¤¯à¤¾à¤¸ है।
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