TANDAV KAAL SARP
Description
जà¥à¤¯à¥‹à¤¤à¤¿à¤· शासà¥à¤¤à¥à¤° में योग का अरà¥à¤¥ उस सà¥à¤¥à¤¿à¤¤à¤¿ से है, जब जनà¥à¤®à¤¾à¤‚ग के किसी राशि में à¤à¤• से अधिक गà¥à¤°à¤¹ पाठजाà¤à¤‚। जब राहॠव केतॠकà¤à¥€ à¤à¤•.साथ हो ही नहीं सकते तो काल (राहà¥) और सरà¥à¤ª (केतà¥) का योग कैसे हो सकता है? राहà¥-केतॠछाया गà¥à¤°à¤¹ हैं, अत: छाया गà¥à¤°à¤¹à¥‹à¤‚ के बीच सà¤à¥€ गà¥à¤°à¤¹ कैसे आ सकते हैं? और कैसे ये छाया गà¥à¤°à¤¹ सà¤à¥€ गà¥à¤°à¤¹à¥‹à¤‚ की शà¥à¤à¤¤à¤¾ समापà¥à¤¤ कर सकते हैं? जनसामानà¥à¤¯ की à¤à¥à¤°à¤¾à¤‚तियों को समापà¥à¤¤ करने हेतॠअपने जीवन के अनà¥à¤¸à¤‚धानों का संकलन पà¥à¤°à¤¸à¥à¤¤à¥à¤¤ किया है। साथ ही पà¥à¤¸à¥à¤¤à¤• में फेंगशà¥à¤ˆ की आधारहीनता तथा अवैजà¥à¤žà¤¾à¤¨à¤¿à¤•à¤¤à¤¾
के बारे में à¤à¥€ पà¥à¤°à¤•à¤¾à¤¶à¤• डाला है। पà¥à¤°à¤¸à¥à¤¤à¥à¤¤ पà¥à¤¸à¥à¤¤à¤• निशà¥à¤šà¤¯ ही सामानà¥à¤¯ जनमानस को कालसरà¥à¤ª योग की सचà¥à¤šà¥€ जानकारी देते हà¥à¤ इस पà¥à¤°à¤¾à¤‚त से दूर कराà¤à¤—ी।
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