Swapna & Shakun (Dreams & Omens) [Hindi] [RP]
Description
दो शबà¥à¤¦
संसार के कोने-कोने में पà¥à¤°à¤¾à¤¤à¤¨ काल का सà¥à¤µà¤ªà¥à¤¨ और शकà¥à¤¨ के फलों को मानà¥à¤¯à¤¤à¤¾ पà¥à¤°à¤¾à¤ªà¥à¤¤ है। यही विशà¥à¤µà¤¾à¤¸ किया जाता है कि सà¥à¤µà¤ªà¥à¤¨ और शकà¥à¤¨ à¤à¤µà¤¿à¤·à¥à¤¯ में होने वाली शà¥à¤à¤¾à¤¶à¥à¤ घटनाओं का पूरà¥à¤µà¤¾à¤à¤¾à¤¸ देते । पà¥à¤°à¤§à¤¾à¤¨-काल के राजा तथा अनà¥à¤¯ उचà¥à¤š पदाधिकारी सदा सà¥à¤µà¤ªà¥à¤¨ और शकà¥à¤¨ के फल को जानने के लिठविदà¥à¤µà¤¾à¤¨ पणà¥à¤¡à¤¿à¤¤à¥‹à¤‚ की समà¥à¤®à¤¤à¤¿ करते थे और उसी के अनà¥à¤¸à¤¾à¤° अपने कारà¥à¤¯à¤•à¥à¤°à¤® निशà¥à¤šà¤¿à¤¤ करते थे। अशà¥à¤ सà¥à¤µà¤ªà¥à¤¨à¥‹à¤‚ और शकà¥à¤¨à¤¿ के अशà¥à¤ फलों के निवारण के लिठजो न नियत किठजाते थे उनका वे पालन करते थे। सिकनà¥à¤¦à¤° महान, दहेज ला तथा समà¥à¤°à¤¾à¤Ÿ अशोक आदि à¤à¥€ अपने कारà¥à¤¯à¤•à¥à¤°à¤® इसी पà¥à¤°à¤•à¤¾à¤° à¤à¤µà¤¿à¤·à¥à¤¯ वकà¥à¤¤à¤¾à¤“ं तथा सà¥à¤µà¤ªà¥à¤¨ और शकà¥à¤¨ शासà¥à¤¤à¥à¤°à¤¿à¤¯à¥‹à¤‚ की मंतà¥à¤°à¤£à¤¾ के अनà¥à¤¸à¤¾à¤° हो निशà¥à¤šà¤¿à¤¤ किया करते थे। सà¤à¥€ देशों के पà¥à¤°à¤¾à¤šà¥€à¤¨ गà¥à¤°à¤‚थों, कथाओं और कविताओं में सà¥à¤µà¤ªà¥à¤¨à¥‹à¤‚ और शकà¥à¤¨à¤¿ को महतà¥à¤¤à¥à¤µ दिया गया है à¤à¤¾à¤°à¤¤ के मानà¥à¤¯ गà¥à¤°à¤‚थों- रामायण, महाà¤à¤¾à¤°à¤¤ आदि में à¤à¥€ सà¥à¤µà¤ªà¥à¤¨à¥‹à¤‚ और शकà¥à¤¨à¤¿ तथा उनके फलों की मानà¥à¤¯à¤¤à¤¾ के विवरण समà¥à¤®à¤¿à¤²à¤¿à¤¤ हैं। इसके अनेकों
उदाहरण इस पà¥à¤¸à¥à¤¤à¤• में पाठकों को देखने को मिलेंगे। इस पà¥à¤¸à¥à¤¤à¤• के मौलिक होने का हम दावा नहीं कर सकते । कोई अनà¥à¤¯ लेखक à¤à¥€ इस पà¥à¤°à¤•à¤¾à¤° की पà¥à¤¸à¥à¤¤à¤• को मौलिक कहने का दà¥à¤¸à¥à¤¸à¤¾à¤¹à¤¸ नहीं कर सकता। वासà¥à¤¤à¤µ में यह मनोरंजक, रोचक और मानपà¥à¤°à¤¦ संकलन है जिसके दà¥à¤µà¤¾à¤°à¤¾ पाठकों को यह जà¥à¤žà¤¾à¤¤ हो जायेगा कि सà¥à¤µà¤ªà¥à¤¨à¥‹à¤‚ और शकà¥à¤¨à¤¿ को मानà¥à¤¯à¤¤à¤¾ देना अंधविशà¥à¤µà¤¾à¤¸ नहीं है सà¥à¤µà¤ªà¥à¤¨ और शकà¥à¤¨ शà¥à¤à¤¾à¤¶à¥à¤ फल देते हैं, इसको इस पà¥à¤¸à¥à¤¤à¤• में पढ़कर अपने अनà¥à¤à¤µ की कोठी पर परीकà¥à¤·à¤¾ करके पाठकगण अपने आप निरà¥à¤£à¤¯ कर सकते है।
इस संकलन को पà¥à¤¸à¥à¤¤à¤• का रूप देने के लिठहमें अनेक अंगà¥à¤°à¥‡à¤œà¥€ और हिनà¥à¤¦à¥€ की पà¥à¤¸à¥à¤¤à¤•à¥‹à¤‚ का सूकà¥à¤·à¥à¤® अधà¥à¤¯à¤¯à¤¨ करना पड़ा है। पं० हीरालाल दूगढ़ महोदय का हम विशेष आà¤à¤¾à¤° मानते है कà¥à¤¯à¥‹à¤‚कि उनà¥à¤¹à¥‹à¤‚ने पà¥à¤°à¤¾à¤šà¥€à¤¨ गà¥à¤°à¤‚थों रो सामगà¥à¤°à¥€ जà¥à¤Ÿà¤¾à¤¨à¥‡ में बड़ी उदारता दिखाई है हम अपने परिशà¥à¤°à¤® को तà¤à¥€ सारà¥à¤¥à¤• मानेंगे जब पाठक हमारी संकलित और सरल à¤à¤¾à¤·à¤¾ में पà¥à¤°à¤¸à¥à¤¤à¥à¤¤ सामगà¥à¤°à¥€ से संतà¥à¤·à¥à¤Ÿ होंगे शà¥à¤ मंगलमॠ।
-लेखक
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