Surya Dasha Phaldeepika by Mridula trivedi/ T.P.Trivedi [AP]
Description
पà¥à¤°à¥‹à¤µà¤¾à¤•à¥
जà¥à¤¯à¥‹à¤¤à¤¿à¤· विजà¥à¤žà¤¾à¤¨ की मातà¥à¤°à¤¾ à¤à¤µà¤‚ समय की सतà¥à¤¤à¤¾ के मधà¥à¤¯ निरà¥à¤®à¤¿à¤¤ होने वाले समीकरण की सà¥à¤µà¤°à¥à¤£à¤®à¤£à¥à¤¡à¤¿à¤¤ शिला ही दशाफल दीपिका का सबलता, पà¥à¤°à¤¬à¤²à¤¤à¤® पथ है जिसका रहसà¥à¤¯ à¤à¤¾à¤°à¤¤à¥€à¤¯ ऋषि-मनीषियों, मà¥à¤¨à¤¿à¤¯à¥‹à¤‚ और महरà¥à¤·à¤¿à¤¯à¥‹à¤‚ ने अपनी योग साधना के आधार पर समसà¥à¤¤ मानवता के कलà¥à¤¯à¤¾à¤£ हेतॠसमय-समय पर उदà¥à¤˜à¤¾à¤Ÿà¤¿à¤¤ किया था। दिन, पकà¥à¤·, मास, ऋतà¥à¤à¤ और वरà¥à¤· वà¥à¤¯à¤¤à¥€à¤¤ होते चले गये à¤à¤µà¤‚ उसके साथ साई जà¥à¤¯à¥‹à¤¤à¤¿à¤· विजà¥à¤žà¤¾à¤¨ की पà¥à¤°à¤®à¤¾à¤£à¤¿à¤•à¤¤à¤¾, सतà¥à¤¯à¤¤à¤¾ और सारà¥à¤¥à¤•à¤¤à¤¾ की संसिदà¥à¤§à¤¿ à¤à¥€ होती वली गई तथा समय के परिवरà¥à¤¤à¤¨ के साथ-साथ जà¥à¤¯à¥‹à¤¤à¤¿à¤· विजà¥à¤žà¤¾à¤¨ के सूतà¥à¤°à¥‹à¤‚ और सिदà¥à¤§à¤¾à¤¨à¥à¤¤à¥‹à¤‚ का परिमारà¥à¤œà¤¨ तथा संशोधन होता चला गया। जà¥à¤¯à¥‹à¤¤à¤¿à¤°à¥à¤µà¤¿à¤¦à¥‹à¤‚ और साहितà¥à¤¯à¤•à¤¾à¤°à¥‹à¤‚ के मधà¥à¤¯ बार-बार शासà¥à¤µà¤¾à¤°à¥à¤¥ हà¥à¤† कि जà¥à¤¯à¥‹à¤¤à¤¿à¤· विजà¥à¤žà¤¾à¤¨ है या यह à¤à¤• शासà¥à¤¤à¥à¤° है। इस संदरà¥à¤ में हमारा सà¥à¤ªà¤·à¥à¤Ÿ मत है कि जà¥à¤¯à¥‹à¤¤à¤¿à¤·, à¤à¥Œà¤¤à¤¿à¤• विजà¥à¤žà¤¾à¤¨ या रसायन विजà¥à¤žà¤¾à¤¨ के समतà¥à¤²à¥à¤¯ नहीं है परनà¥à¤¤à¥ जà¥à¤¯à¥‹à¤¤à¤¿à¤·, जीव-विजà¥à¤žà¤¾à¤¨, वनसà¥à¤ªà¤¤à¤¿ विजà¥à¤žà¤¾à¤¨, à¤à¥‚गरà¥à¤ विजà¥à¤žà¤¾à¤¨, गृह विजà¥à¤žà¤¾à¤¨ आदि की ही à¤à¤¾à¤‚ति à¤à¤• विजà¥à¤žà¤¾à¤¨ है जिसे अनà¥à¤¯ जà¥à¤¯à¥‹à¤¤à¤¿à¤·à¤¿à¤¯à¥‹à¤‚ के साथ-साथ आधà¥à¤¨à¤¿à¤• जà¥à¤¯à¥‹à¤¤à¤¿à¤· विजà¥à¤žà¤¾à¤¨ के पितामह डा. बी.बी. रामन ने à¤à¥€ बार-बार सिदà¥à¤§ किया है। नारद संहिता में अंकित शà¥à¤²à¥‹à¤• धà¥à¤¯à¤¾à¤¤à¤µà¥à¤¯ है
सिदà¥à¤§à¤¾à¤¨à¥à¤¤ संहिता होरा रूपं सà¥à¤•à¤‚ध तà¥à¤°à¤¯à¤¾à¤¤à¥à¤®à¤• । वेदसà¥à¤¯ निरà¥à¤®à¤²à¤‚ चकà¥à¤·à¥à¤ƒ जà¥à¤¯à¥‹à¤¤à¤¿à¤· शासà¥à¤¤à¥à¤° मà¥à¤¤à¥à¤¤à¤®à¤®à¥ ।।
अरà¥à¤¥à¤¾à¤¤à¥ जà¥à¤¯à¥‹à¤¤à¤¿à¤· के तीन अंग हैं-1. गणित, 2. संहिता, 3. होरा होरा के दो à¤à¤¾à¤— हैं-1. फलित à¤à¤µà¤‚ 2. मà¥à¤¹à¥‚रà¥à¤¤à¥¤ महरà¥à¤·à¤¿ वराहमिहिर ने जà¥à¤¯à¥‹à¤¤à¤¿à¤· शासà¥à¤¤à¥à¤° के इन तीनों अंगों पर पृथकà¥-पृथकॠगà¥à¤°à¤‚यों की संरचना की है जिनà¥à¤¹à¥‡à¤‚ पंचसिदà¥à¤§à¤¾à¤¨à¥à¤¤à¤¿à¤•à¤¾, वृहदà¥à¤¸à¤‚हिता à¤à¤µà¤‚ वृहद जातक नामों से शीरà¥à¤·à¤• कà¥à¤¯à¤¾ है ये तीनों शकà¥à¤¤à¤¿à¤¯à¥‹à¤‚ जà¥à¤¯à¥‹à¤¤à¤¿à¤· शासà¥à¤¤à¥à¤° की तीन आधारशिलाà¤à¤ हैं, परनà¥à¤¤à¥ पà¥à¤°à¥‡à¤® या संशय की सà¥à¤¥à¤¿à¤¤à¤¿ में महरà¥à¤·à¤¿ पराशरकृत वृहदूà¥
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