Sharir lakshan evam cheshtaye [RP]
Description
गà¥à¤°à¤¨à¥à¤¥-परिचय
शरीर लकà¥à¤·à¤£ जà¥à¤¯à¥‹à¤¤à¤¿à¤· शासà¥à¤¤à¥à¤° का à¤à¤• पà¥à¤°à¤®à¥à¤– अंग है। वैदिक साहितà¥à¤¯ से लेकर आधà¥à¤¨à¤¿à¤• साहितà¥à¤¯ व जà¥à¤¯à¥‹à¤¤à¤¿à¤· वाङà¥à¤®à¤¯ में à¤à¤¾à¤µ शरीर लकà¥à¤·à¤£à¥‹à¤‚ के तथà¥à¤¯ बिखरे पड़े है। यह à¤à¤¾à¤°à¤¤à¥€à¤¯ व विशà¥à¤¦à¥à¤§ ऋषि पà¥à¤°à¤¦à¤°à¥à¤¶à¤¿à¤¤ फलकथन पदà¥à¤§à¤¤à¤¿ है। मानव शरीर पर विदà¥à¤¯à¤®à¤¾à¤¨ लकà¥à¤·à¤£ चिनà¥à¤¹, रेखाà¤à¤, तिल, मसà¥à¤¸à¤¾, आदि के साथ-साथ विà¤à¤¿à¤¨à¥à¤¨ अंगों की बनावट, रंगत, सौनà¥à¤¦à¤°à¥à¤¯ व लावणà¥à¤¯ मानवीय à¤à¤µà¤¿à¤·à¥à¤¯ के बहà¥à¤¤ से अनकहे पहलà¥à¤“ं को छूते हैं। जिस पà¥à¤°à¤•à¤¾à¤° जनà¥à¤®à¤•à¤¾à¤²à¥€à¤¨ गà¥à¤°à¤¹ सà¥à¤¥à¤¿à¤¤à¤¿ से à¤à¤µà¤¿à¤·à¥à¤¯ निरà¥à¤§à¤¾à¤°à¤£ होता है, उसी पà¥à¤°à¤•à¤¾à¤° लकà¥à¤·à¤£ विजà¥à¤žà¤¾à¤¨ दà¥à¤µà¤¾à¤°à¤¾ à¤à¥€ à¤à¤µà¤¿à¤·à¥à¤¯ कथन पà¥à¤°à¤¾à¤®à¤¾à¤£à¤¿à¤•, नितानà¥à¤¤ à¤à¤¾à¤°à¤¤à¥€à¤¯ व ऋषि समà¥à¤®à¤¤ है।
मानव शरीर à¤à¤• पà¥à¤°à¤•à¤¾à¤° से सà¥à¤µà¤¯à¤‚ बà¥à¤°à¤¹à¥à¤®à¤¾à¤œà¥€ दà¥à¤µà¤¾à¤°à¤¾ लिखी गई जनà¥à¤®à¤•à¥à¤£à¥à¤¡à¤²à¥€ है, केवल उसे समà¤à¤¨à¥‡ की विधि का जà¥à¤žà¤¾à¤¨ हो तो मनà¥à¤·à¥à¤¯ बिना जà¥à¤¯à¥‹à¤¤à¤¿à¤·à¥€ की सहायता के à¤à¥€ खà¥à¤¦ à¤à¤µà¤¿à¤·à¥à¤¯ पढ़ सकता है।
पà¥à¤°à¤¸à¥à¤¤à¥à¤¤ पà¥à¤¸à¥à¤¤à¤• में आप पाà¤à¤‚गे
(i) शरीर लकà¥à¤·à¤£ व चेषà¥à¤Ÿà¤¾à¤“ं का पà¥à¤°à¤¾à¤®à¤¾à¤£à¤¿à¤• विवेचन! (ii) शरीर के पà¥à¤°à¤®à¥à¤– दस à¤à¤¾à¤—ों का सरल व सारगरà¥à¤à¤¿à¤¤ विशà¥à¤²à¥‡à¤·à¤£!
(iii) शरीर लकà¥à¤·à¤£à¥‹à¤‚ से धन, सà¥à¤µà¤¾à¤¸à¥à¤¥à¥à¤¯, वाहन, समà¥à¤ªà¤¤à¥à¤¤à¤¿, अधिकार व राजयोगों का निशà¥à¤šà¤¿à¤¤ निरà¥à¤£à¤¯! (iv) शरीरांगों से मानव जीवन का तà¥à¤°à¤¿à¤•à¤¾à¤²à¥€ विवेचन!
(v) शरीरांग लकà¥à¤·à¤£à¥‹à¤‚ से दशा अनà¥à¤¤à¤°à¥à¤¦à¤¶à¤¾ जानना व
उनका फलादेश! (vi) शरीर लकà¥à¤·à¤£ से जनà¥à¤® कà¥à¤‚डली की सतà¥à¤¯à¤¤à¤¾ की परीकà¥à¤·à¤¾!
(vii) सब कà¥à¤› à¤à¤¾à¤°à¤¤à¥€à¤¯ विदेशी में की मिलावट से रहित! ऋषियों का अपूरà¥à¤µ वचनामृत! à¤à¤¾à¤°à¤¤à¥€à¤¯ संसà¥à¤•à¥ƒà¤¤à¤¿ की अमूलà¥à¤¯ धरोहर!
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