Saath Musafir By Amruta Pritam [MiscP]
Description
चितà¥à¤°à¤•à¤¾à¤° हरकृषà¥à¤£ लाल से सात सवाल
खà¥à¤¶à¤µà¤‚त सिंह के सात
अनीस जंग से सात राज गिल से सात
सवाल
सवाल
सवाल
मसऊद मà¥à¤¨à¤µà¥à¤µà¤° से सात सवाल डॉकà¥à¤Ÿà¤° ललà¥à¤²à¤¨ पà¥à¤°à¤¸à¤¾à¤¦ सिंह से सात सवाल
पà¥à¤°à¤¾à¤£à¤¨à¤¾à¤¥ मागो से सात सवाल इमरोज चितà¥à¤°à¤•à¤¾à¤° से सात सवाल
वीरेंदà¥à¤° मागो से सात सवाल
हेमेनà¥à¤¦à¥à¤° à¤à¤—वती से सात सवाल
कृषà¥à¤£ अशांत से सात सवाल
घà¥à¤¸à¤µà¤¾ सेमी से सात सवाल उषा पà¥à¤°à¥€ से सात सवाल
हरिà¤à¤œà¤¨ सिंह से सात सवाल
के. à¤à¤². गरà¥à¤— से सात सवाल : अनà¥à¤à¤µ बनाम चिनà¥à¤¤à¤¨ की कथा
मनजीत टिवाणा से सात सवाल योग जॉब से सात सवाल
घनशà¥à¤¯à¤¾à¤® दास से सात सवाल अमर à¤à¤¾à¤°à¤¤à¥€ से
सात सवाल
उरà¥à¤®à¤¿à¤²à¤¾ शरà¥à¤®à¤¾ से सात सवाल
सात देवताओं को सात सवाल
समय के सात सवाल-हम सबसे
Â
चितà¥à¤°à¤•à¤¾à¤° हरकृषà¥à¤£ लाल से सात सवाल
हरकृषà¥à¤£ जी। यह à¤à¤• तारीख घटना है कि सà¥à¤§à¤¿à¤¯à¤¾à¤¨à¥‡ जैसे छोटे से शहर के तीन बचà¥à¤šà¥‡, तीन दोसà¥à¤¤, बड़े होकर हिनà¥à¤¦à¥à¤¸à¥à¤¤à¤¾à¤¨ के सीन मशहूर कलाकार बने। आप à¤à¤• पतà¥à¤°à¤•à¤¾à¤°, साहिर लोगों का महबूब शायर, और जयदेय फिलà¥à¤®à¥‹à¤‚ का संगीत निरà¥à¤¦à¥‡à¤¶à¤•à¥¤ आप तीनों का चà¥à¤¨à¤¾à¤µ-तीन हà¥à¤¨à¤°, आप का
अपना फैसला या या आसमान के सितारों का? हर : हम तीनों के सामने और à¤à¥€ रासà¥à¤¤à¥‡ थे। रोजगार का चà¥à¤¨à¤¾à¤µ हमारे, या हमारे घर के लोगों के अखà¥à¤¤à¤¿à¤¯à¤¾à¤° में होता, तो हम तीनों जरूर जीर रासà¥à¤¤à¥‹à¤‚ पर पड़ जाते। मà¥à¤à¥‡ यकीन है कि हम तीनों के रासà¥à¤¤à¥‹à¤‚ का फैसला आसमान के सितारों ने किया था। जयदेव अचà¥à¤›à¤¾ à¤à¤¤à¤¾ सà¥à¤•à¥‚ल में पढ़ रहा था, न जाने कà¥à¤¯à¤¾ बनने के लिà¤,
पर शहर में देवा राम नाम का à¤à¤• आदमी था, जिसने à¤à¤• सिनेमा घर बनाया। यह शहर का पहला सिनेमा घर या जिसके जशà¥à¤¨ के लिठयह à¤à¤• फिलà¥à¤® अà¤à¤¿à¤¨à¥‡à¤¤à¥à¤°à¥€ के बमà¥à¤¬à¤ˆ से बà¥à¤²à¤¾ लिया उसका नाम अरà¥à¤®à¤²à¥€à¤¨ या। हमारे जयदेव को संगीत का शीक या, पर इस शीक की दीवानगी का उसे पता नहीं था। अमीन के सामने जब उसने कà¥à¤› गाकर सà¥à¤¨à¤¾à¤¯à¤¾, उसकी आà¤à¤–ों में अपने संगीत को न जाने कैसी-सी दाद देख ली, कि घर पाट छोड़कर अरमान के साथ ही बमà¥à¤¬à¤ˆ चला गया। बहà¥à¤¤ योड़़े लोग जानते हैं कि यह शà¥à¤°à¥‚ में बढ़िया मूपीटीन की कई सà¥à¤Ÿà¤‚ट फिलà¥à¤®à¥‹à¤‚ में कॉमेडियन का काम करता रहा था...
साहिर जब कालिज में दाखिल हà¥à¤† था तो अपने फारà¥à¤® पर उसने अलियार करने वाले पेशे का नाम वकालत लिखा था। शायद इसलिठकि उनके बाप से अलग हà¥à¤ˆ उसकी मां ने और उसके अपने बचपन ने सिरà¥à¤« कचहरियों के मà¥à¤‚ह ही देखे ये। और उसने सोचा होगा कि हकशà¥à¤«à¤¾ के 12 मà¥à¤•à¤¦à¤®à¥‹à¤‚ को à¤à¥à¤—तते हà¥à¤, वह शायद जिनà¥à¤¦à¤—ी में वकील बनकर ही जिनà¥à¤¦à¤—ी का मà¥à¤•à¤¦à¤®à¤¾ जीत सकेगा। तय वह नही जानता था कि पूरे मà¥à¤²à¥à¤• के लोगों का दिल वह अपनी शायरी से जीतेगा तबीयत अहसासमंद थी-कालिज के मैगजीन के लिठजब उसने पहली गजल लिखी "मैं
सात सवाल:9
Opps
Sorry, it looks like some products are not available in selected quantity.