POOJA KAISE KARE
Description
अपनों से अपनी बात
देखन में छोटे लगे.. पà¥à¤¸à¥à¤¤à¤• कि साथ मेरा पà¥à¤¸à¥à¤¤à¤• लेखन का सफर पà¥à¤°à¤¾à¤°à¤®à¥à¤ हà¥à¤†à¥¤ पà¥à¤°à¤à¥ कृपा से इस पà¥à¤¸à¥à¤¤à¤• में बताये गये उपायों से असंखà¥à¤¯ पाठकों को लाठकी इनमें बड़ी संखà¥à¤¯à¤¾ तो अपने देश के पाठकों की ही है किनà¥à¤¤à¥ विदेशों से à¤à¥€ असंखà¥à¤¯ पाठकों ने इस पà¥à¤¸à¥à¤¤à¤• से लाठपà¥à¤°à¤¾à¤ªà¥à¤¤à¤¿ के बारे में सूचित यह मेरे लिये तथा मेरे पà¥à¤°à¤•à¤¾à¤¶à¤• के लिये अतà¥à¤¯à¤¨à¥à¤¤ गरà¥à¤µ का विषय है। इसके लिये मैं अपने पà¥à¤°à¤à¥ को धनà¥à¤¯à¤µà¤¾à¤¦ देता हूà¤à¥¤ बहà¥à¤¤ समय से पाठकों की यह मांग थी कि पूजा समà¥à¤¬à¤¨à¥à¤§à¥€ à¤à¤• à¤à¤¸à¥€ पà¥à¤¸à¥à¤¤à¤• का
लेखन करूं जिससे आम वà¥à¤¯à¤•à¥à¤¤à¤¿ लाठपà¥à¤°à¤¾à¤ªà¥à¤¤ कर सके अà¤à¥€ तक इस विषय पर पà¥à¤°à¤•à¤¾à¤¶à¤¿à¤¤ अधिकांश पà¥à¤¸à¥à¤¤à¤•à¥‹à¤‚ में संसà¥à¤•à¥ƒà¤¤ का बहà¥à¤¤ उपयोग हà¥à¤† है जिसे आम पाठक आसानी से समठनहीं सकता है। हमारे पà¥à¤°à¤•à¤¾à¤¶à¤¨ दà¥à¤µà¤¾à¤°à¤¾ पà¥à¤°à¤•à¤¾à¤¶à¤¿à¤¤ सà¤à¥€ पà¥à¤¸à¥à¤¤à¤•à¥‡à¤‚ आम पाठकों को धà¥à¤¯à¤¾à¤¨ में रखते हà¥à¤¯à¥‡ सरल à¤à¤µà¤‚ सरस à¤à¤¾à¤·à¤¾ में लिखी होती हैं जिनà¥à¤¹à¥‡à¤‚ पाठक आसानी से समठकर उससे लाठपà¥à¤°à¤¾à¤ªà¥à¤¤ करते हैं। इसलिये मेरी इचà¥à¤›à¤¾ à¤à¥€ बनी कि पूजा से समà¥à¤¬à¤¨à¥à¤§à¤¿à¤¤ à¤à¤• à¤à¤¸à¥€ पà¥à¤¸à¥à¤¤à¤• का लेखन किया जाये जो सरल à¤à¤µà¤‚ सरस à¤à¤¾à¤·à¤¾ में हो, जिस देव à¤à¤µà¤‚ देवी की पूजा के बारे बताया जाये, उसके बारे में à¤à¥€ परà¥à¤¯à¤¾à¤ªà¥à¤¤ जानकारी दी जाये। इस पà¥à¤°à¤•à¤¾à¤° की पà¥à¤¸à¥à¤¤à¤• अà¤à¥€ तक किसी लेखक ने नहीं लिखी है। जिस पà¥à¤¸à¥à¤¤à¤• की जो रूपरेखा मैंने अपने पà¥à¤°à¤•à¤¾à¤¶à¤• के साथ मिलकर बनाई, आसान नहीं थी किनà¥à¤¤à¥ पाठकों के हित में अवशà¥à¤¯ अनमोल हो सकती थी। हमने कठिन मारà¥à¤— का चयन किया ताकि पूजा से समà¥à¤¬à¤¨à¥à¤§à¤¿à¤¤ à¤à¤• संगà¥à¤°à¤¹à¤¨à¥€à¤¯ पà¥à¤¸à¥à¤¤à¤• का पà¥à¤°à¤•à¤¾à¤¶à¤¨ किया जा सके जिसे आप अपने किसी मितà¥à¤°, परिचित, समà¥à¤¬à¤¨à¥à¤§à¥€ आदि को गरà¥à¤µ के साथ उपहार में दे इसी के साथ पूजा कैसे पà¥à¤¸à¥à¤¤à¤• पर काम पà¥à¤°à¤¾à¤°à¤®à¥à¤ हà¥à¤†à¥¤ जैसे-जैसे पà¥à¤¸à¥à¤¤à¤• लेखन का काम आगे बढ़ता गया, वैसे-वैसे हमारे à¤à¥€à¤¤à¤° उतà¥à¤¸à¤¾à¤¹ à¤à¥€ बढ़ता गया। इस पà¥à¤¸à¥à¤¤à¤• के बारे में जो सपना देखा था, साकार हो रहा अनà¥à¤¤à¤¤à¤ƒ पà¥à¤¸à¥à¤¤à¤• का पà¥à¤°à¤•à¤¾à¤¶à¤¨ हो गया। अब मैं कह सकता हूठकि यह पà¥à¤¸à¥à¤¤à¤• ही पाठकों को पसंद आयेगी।
पूजा के दो माधà¥à¤¯à¤® है- सकाम पूजा à¤à¤µà¤‚ निषà¥à¤•à¤¾à¤® पूजा। निषà¥à¤•à¤¾à¤® पूजा में साधक अपने आराधà¥à¤¯ से किसी को पूरा करने का आगà¥à¤°à¤¹ नहीं करता है और न किसी पà¥à¤°à¤•à¤¾à¤° समसà¥à¤¯à¤¾ से मà¥à¤•à¥à¤¤à¤¿ चाहता है। केवल अपने आराधà¥à¤¯ की पूजा करता है, मंतà¥à¤°à¤œà¤¾à¤ª करता है। à¤à¤¸à¥€ पूजा अधिकांशतः वही साधक करते हैं जो सांसारिक बंधनों से दूर होते हैं। आम सांसारिक वà¥à¤¯à¤•à¥à¤¤à¤¿ निषà¥à¤•à¤¾à¤® à¤à¤¾à¤µ से पूजा पà¥à¤°à¤¾à¤¯: नहीं करते हैं और अगर करते हैं तो उनकी संखà¥à¤¯à¤¾ कम ही होगी।
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