Pataki Rishta Chakra [Hindi] {VP}
Description
पà¥à¤¸à¥à¤¤à¤• के बारे में यदि आपका बचà¥à¤šà¤¾ बीमार है तो इस चकà¥à¤° का पà¥à¤°à¤¯à¥‹à¤— करने के बाद फलादेश कीजिये। यदि डॉकà¥à¤Ÿà¤° के डायगà¥à¤¨à¥‹à¤¸à¤¿à¤¸ में कà¥à¤› असà¥à¤ªà¤·à¥à¤Ÿà¤¤à¤¾ है और बचà¥à¤šà¥‡ के जीवन के ऊपर खतरा मंडराता हà¥à¤† नजर आता है तो इस चकà¥à¤° का पà¥à¤°à¤¯à¥‹à¤— करके फलादेश कीजिà¤à¥¤
आज के इस यà¥à¤— में à¤à¥Œà¤¤à¤¿à¤• विजà¥à¤žà¤¾à¤¨ के और à¤à¤²à¥‹à¤ªà¥ˆà¤¥à¤¿à¤• सरà¥à¤œà¤°à¥€ के इतने विकास होने के बाद à¤à¥€ नवजात शिशॠसे लेकर १८ वरà¥à¤· उम बचà¥à¤šà¥‹à¤‚ के सà¥à¤µà¤¾à¤¸à¥à¤¥ की चिनà¥à¤¤à¤¾ जब मां-बाप को होती है तो उस समय तीन पà¥à¤°à¤¶à¥à¤¨ उठते हैं: पहला कि बचà¥à¤šà¥‡ के बचने की कितनी आशा है। दूसरा यदि बचà¥à¤šà¤¾ बच à¤à¥€ गया तो जीवन à¤à¤° के लिठअपाहिज तो नहीं हो जायेगा और तीसरा कà¥à¤¯à¤¾ बचà¥à¤šà¥‡ के बच जाने के बाद वह पूरà¥à¤£ रूप से सà¥à¤µà¤¸à¥à¤¥ रहेगा? इन पà¥à¤°à¤¶à¥à¤¨à¥‹à¤‚ के उतà¥à¤¤à¤° के लिये पताकी रिषà¥à¤Ÿ चकà¥à¤° का पà¥à¤°à¤¯à¥‹à¤— सदियों से इस देश में होता आया है और इससे किठहà¥à¤ फलादेश जà¥à¤¯à¥‹à¤¤à¤¿à¤· के अलिखित इतिहास में चमतà¥à¤•à¤¾à¤° के रूप में जाने जाते रहे हैं। शà¥à¤°à¥€à¤®à¤¤à¥€ शालिनी धसà¥à¤®à¤¾à¤¨à¤¾ ने मौलिक शोध करके इस परमà¥à¤ªà¤°à¤¾ को पà¥à¤¨à¤¸à¥à¤¥à¤¾à¤ªà¤¿à¤¤
किया और इस शोध के दौरान इसी चकà¥à¤° के आधार पर अनेक सफल à¤à¤µà¤¿à¤·à¥à¤¯à¤µà¤¾à¤£à¤¿à¤¯à¤¾à¤ à¤à¥€ दी। यह पà¥à¤¸à¥à¤¤à¤• पताकी रिषà¥à¤Ÿ चकà¥à¤° के वैजà¥à¤žà¤¾à¤¨à¤¿à¤• पà¥à¤°à¤¯à¥‹à¤— के लिठपà¥à¤°à¤¸à¥à¤¤à¥à¤¤ की जा रही है। बचà¥à¤šà¥‡ की कà¥à¤‚डली में बालारिषà¥à¤Ÿ के साथ साथ इस चकà¥à¤° का पà¥à¤°à¤¯à¥‹à¤— करने से बहà¥à¤¤ अचà¥à¤›à¥‡ और लाà¤à¤•à¤¾à¤°à¥€ फलादेश किठजा सकते हैं। इसी असà¥à¤¤ परमà¥à¤ªà¤°à¤¾ को पà¥à¤¨à¤¸à¥à¤¥à¤¾à¤ªà¤¿à¤¤ करने के लिठयह शोध कराया गया है और पाठकों के समकà¥à¤· पà¥à¤°à¤¸à¥à¤¤à¥à¤¤ किया जा रहा है।
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