Paav Tale Bhavishya (Prediction from Feet) by Dr. Bhojraj Dwived [DP]
Description
कà¥â€à¤¯à¤¾ हाथ की रेखाओं की तरह पादलत या पांव की-रेखाओं के माधà¥â€à¤¯à¤® से मानव का à¤à¥‚त-à¤à¤µà¤¿à¤·à¥â€à¤¯ जाना जा सकता है? यदि हां तो पांव के तलवे व उसकी रेखाओं दà¥à¤µà¤¾à¤°à¤¾ à¤à¤µà¤¿à¤·à¥â€à¤¯-कथन की परमà¥â€à¤ªà¤°à¤¾ कब से पà¥à¤°à¤¾à¤°à¤‚ठहà¥à¤ˆ? सरà¥à¤µà¤ªà¥à¤°à¤¥à¤® पांव की रेखाओं का पà¥à¤°à¤¾à¤®à¤¾à¤£à¤¿à¤• उलà¥â€à¤²à¥‡à¤– कहां, कौन-से गà¥à¤°à¤‚थ मिलता है? और फिर पांव की रेखाओं के माधà¥â€à¤¯à¤® से à¤à¤µà¤¿à¤·à¥â€à¤¯â€“कथन पà¥à¤°à¤£à¤¾à¤²à¥€ ने सारà¥à¤µà¤œà¤¨à¤¿à¤• पà¥à¤°à¤šà¤²à¤¨ व पà¥à¤°à¤¸à¤¿â€à¤¦à¥à¤§à¤¿ को कà¥â€à¤¯à¥‹à¤‚ नहीं पà¥à¤°à¤¾à¤ªà¥â€à¤¤ किया? ये सà¤à¥€ पà¥à¤°à¤¶à¥â€à¤¨ à¤à¤• बà¥à¤¦à¥à¤§à¤¿à¤œà¥€à¤µà¥€ व पà¥à¤°à¤¬à¥à¤¦à¥à¤§ जिजà¥à¤žà¤¾à¤¸à¥ के साथ मसà¥à¤¤à¤¿à¤·à¥â€à¤• में à¤à¤• साथ सहज रूप से उठने सà¥â€à¤µà¤¾à¤à¤¾à¤µà¤¿à¤• हैं तथा इन पà¥à¤°à¤¶à¥â€à¤¨à¥‹à¤‚ का सटीक व सामयिक समाधान अनिवारà¥à¤¯ रूप से सरà¥à¤µà¤œà¤¨à¤¹à¤¿à¤¤à¤¾à¤¯ अपेकà¥à¤·à¤¿à¤¤ à¤à¥€ है।
पà¥à¤°à¤¸à¥â€à¤¤à¥à¤¤ पà¥à¤¸à¥â€à¤¤à¤• "पांव तले à¤à¤µà¤¿à¤·à¥â€à¤¯" के माधà¥â€à¤¯à¤® से लेखक ने पà¥à¤°à¤¾à¤šà¥€à¤¨ मानà¥â€à¤¯à¤¤à¤¾à¤“ं का नवीनीकरण किया है। इनà¥â€à¤¹à¥‹à¤‚ने जà¥à¤žà¤¾à¤¨ का लोप न हो, इस दृषà¥à¤Ÿà¤¿ को धà¥â€à¤¯à¤¾à¤¨ में रखते हà¥à¤ जनहितारà¥à¤¥ में इस पà¥à¤¸à¥â€à¤¤à¤• को सà¥à¤‚दर ढंग से पाठकों के सामने पà¥à¤°à¤¸à¥â€à¤¤à¥à¤¤ किया है।
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