Nasta Jatakam by Dr Sukhdev Chaturvedhi [RP]
Description
समà¥à¤ªà¤¾à¤¦à¤•à¥€à¤¯
जातक की जनà¥à¤® पतà¥à¤°à¤¿à¤•à¤¾ नषà¥à¤Ÿ हो गया हो, या, गरà¥à¤à¤¾à¤§à¤¾à¤¨ पोर जनà¥à¤® को आादि जात ही न हो तो जà¥à¤¯à¥‹à¤¤à¤¿à¤· में à¤à¤• à¤à¤¸à¥€ विधि है जिसमें उसका उचित परेशान हो सकता है। यह विधि तट-जातक जान के नाम में जà¥à¤¯à¥‹à¤¤à¤¿à¤· के पà¥à¤°à¤¾à¤¯à¤ƒ सà¤à¥€ गà¥à¤°à¤¨à¥à¤¯à¥‹à¤‚ में पà¥à¤°à¤¤à¤¿à¤ªà¤¾à¤¦à¤¿à¤¤ की गयी है किनà¥à¤¤à¥, इस विधि के विà¤à¤¿à¤¨à¥à¤¨ पकà¥à¤·à¥‹à¤‚ का पà¥à¤°à¤¤à¤¿à¤ªà¤¾à¤¦à¤¨ à¤à¤• गà¥à¤°à¤¾à¤® में जितना और जिस रूप में है उतना उस रूप में दूसरे पà¥à¤°à¤¨à¥à¤¯ में नहीं मिलता, और, à¤à¤®à¤¾ पà¥à¤°à¤¾à¤šà¤¾à¤°à¥à¤¯ के मत से दूसरे पà¥à¤°à¤¾à¤šà¤¾à¤°à¥à¤¯ के मत में à¤à¤¿à¤¨à¥à¤¨à¤¤à¤¾ à¤à¥€ है। इसलिठजà¥à¤¯à¥‹à¤¤à¤¿à¤· के विदà¥à¤µà¤¾à¤¨, गोपारà¥à¤¥à¥€ पौर जिजà¥à¤žà¤¾à¤¸à¤¾ यह अनà¥à¤à¤µ करते रहे है कि इन सà¤à¥€ पà¥à¤°à¤¤à¤¿à¤ªà¤¾à¤¦à¤¨à¥‹à¤‚ को à¤à¤• सà¥à¤¥à¤¾à¤¨ पर इस तरह पà¥à¤°à¤¸à¥à¤¤à¥à¤¤ किया जाठकि नषà¥à¤Ÿ-जातक जà¥à¤žà¤¾à¤¨ के सà¤à¥€ पकà¥à¤· वरà¥à¤—ीकृत होकर तो सामने पाà¤à¤ ही, उस समà¥à¤¬à¤¨à¥à¤§ में विà¤à¤¿à¤¨à¥à¤¨ पà¥à¤°à¤¾à¤šà¤¾à¤°à¥à¤¯à¥‹à¤‚ के मतà¤à¥‡à¤¦à¥‹à¤‚ का
पापा और सीमा à¤à¥€ जà¥à¤žà¤¾à¤¤ हो सके। इस आवशà¥à¤¯à¤•à¤¤à¤¾ की पूरà¥à¤¤à¤¿ की है धीमानॠसà¥à¤µ पणà¥à¤¡à¤¿à¤¤ मà¥à¤•à¥à¤¨à¥à¤¦ देवश ने । उनà¥à¤¹à¥‹à¤‚ने इस विधि के पà¥à¤°à¤¾à¤¯à¤ƒ सà¤à¥€ उपलबà¥à¤§ पà¥à¤°à¤¤à¤¿à¤ªà¤¾à¤¦à¤¨à¥‹à¤‚ का पà¥à¤°à¤¾à¤®à¤¾à¤£à¤¿à¤• पर यांचा संà¤à¤µ वैजà¥à¤žà¤¾à¤¨à¤¿à¤• संगà¥à¤°à¤¹ किया है । उनà¥à¤¹à¥‹à¤‚ने संगà¥à¤°à¤¹ ही नहीं किया है पà¥à¤°à¤¤à¥à¤¯à¥à¤¤ उन पà¥à¤°à¤¤à¤¿à¤ªà¤¾à¤¦à¤¨à¥‹à¤‚ में परसà¥à¤ªà¤° समà¥à¤¬à¤¨à¥à¤§ यौर घनà¥à¤¤à¤° à¤à¥€ पà¥à¤°à¤¦à¤°à¥à¤¶à¤¿à¤¤ किया है। उनà¥à¤¹à¥‹à¤‚ने पà¥à¤°à¤¾à¤¯à¤ƒ सà¤à¥€ संगà¥à¤°à¤¹à¤¿à¤¤ शà¥à¤²à¥‹à¤•à¥‹à¤‚ को अपनी वà¥à¤¯à¤¾à¤–à¥à¤¯à¤¾ दà¥à¤µà¤¾à¤°à¤¾ कठिन विषय को सरल à¤à¥€ बनाया है। जà¥à¤¯à¥‹à¤¤à¤¿à¤· के अनेक पारि à¤à¤¾à¤·à¤¿à¤• शबà¥à¤¦à¥‹à¤‚ की वà¥à¤¯à¤¾à¤–à¥à¤¯à¤¾ करने के साथ ही पà¥à¤°à¤®à¤¾à¤£ देवश ने यथा पà¥à¤°à¤¸à¤‚ग उन शबà¥à¤¦à¥‹à¤‚ के लिठपà¥à¤°à¤šà¤²à¤¿à¤¤ शबà¥à¤¦ à¤à¥€ दिये हैं जो पय-बनà¥à¤§ की सीमाों के कारण अपने पà¥à¤°à¤šà¤²à¤¿à¤¤ या पलà¥à¤ª-पà¥à¤°à¤šà¤²à¤¿à¤¤ रूप में पà¥à¤°à¤¯à¥à¤•à¥à¤¤ हà¥à¤ हैं। इसके अतिरिकà¥à¤¤ उनà¥à¤¹à¥‹à¤‚ने अपना चिनà¥à¤¤à¤¨ à¤à¥€ वà¥à¤¯à¤•à¥à¤¤ किया है गà¥à¤°à¥Œà¤° कà¥à¤› सà¥à¤µà¤°à¤šà¤¿à¤¤ इलाकों का समावेश à¤à¥€ किया है। थी दैवजà¥à¤ž के 1. जीवन-परिचय, वà¥à¤¯à¤•à¥à¤¤à¤¿à¤¤à¥à¤µ और कृतितà¥à¤µ पर à¤à¤• संछिपà¥à¤¤ किनà¥à¤¤à¥ सार गà¤à¤¿à¤¤ लेख लिखकर उनके पà¥à¤¤à¥à¤° शà¥à¤°à¥€ चकà¥à¤°à¤§à¤° शरà¥à¤®à¤¾ ने इस गà¥à¤°à¤¨à¥à¤¥ की उपयोगिता में वृदà¥à¤§à¤¿ की है। इन सà¤à¥€ कारणों से यह पà¥à¤°à¤¨à¥à¤§ à¤à¤• सà¥à¤µà¤¤à¤¨à¥à¤¤à¥à¤° अनà¥à¤¯ की शà¥à¤°à¥‡à¤£à¥€ में रखा जाà¤à¤—ा। इस पà¥à¤°à¤¤à¥à¤¯à¤¯ से जà¥à¤¯à¥‹à¤¤à¤¿à¤· के à¤à¤¸à¥‡ ही पमà¥à¤ª विषयों पर पà¥à¤°à¤œà¥à¤žà¤¾ लिसे जाने की पà¥à¤°à¥‡à¤°à¤£à¤¾ ली जानी चाहिà¤à¥¤
Opps
Sorry, it looks like some products are not available in selected quantity.