Muhurta Chintamani Commentary By Dr. Sureshchandra Mishra [RP]
Description
मà¥à¤¹à¥‚रà¥à¤¤ पर सरà¥à¤µà¥‹à¤šà¥à¤š, पà¥à¤°à¤¾à¤®à¤¾à¤£à¤¿à¤•, बहà¥à¤®à¤¾à¤¨à¥à¤¯ गà¥à¤°à¤¨à¥à¤¥ । करà¥à¤® अनà¥à¤¸à¤¾à¤° मà¥à¤¹à¥‚रà¥à¤¤ चयन : à¤à¤• सà¥à¤µà¤¿à¤§à¤¾à¥¤ विवाह मिलान पर विपà¥à¤² सामगà¥à¤°à¥€à¥¤ वासà¥à¤¤à¥ की वà¥à¤¯à¤¾à¤µà¤¹à¤¾à¤°à¤¿à¤•, पà¥à¤°à¤¾à¤®à¤¾à¤£à¤¿à¤• पà¥à¤°à¤¸à¥à¤¤à¥à¤¤à¤¿à¥¤ मनà¥à¤¤à¥à¤°à¥€à¤ªà¤¦ शपथ गà¥à¤°à¤¹à¤£ मà¥à¤¹à¥‚रà¥à¤¤ : सटीक आयाम । गृहनिरà¥à¤®à¤¾à¤£ व गृह पà¥à¤°à¤µà¥‡à¤¶ का सारगरà¥à¤à¤¿à¤¤ विवेचना यातà¥à¤°à¤¾, विवाद : मà¥à¤•à¤¦à¤®à¤¾, नालिश मà¥à¤¹à¥‚रà¥à¤¤à¥¤ इचà¥à¤›à¤¿à¤¤ संतान पà¥à¤°à¤¾à¤ªà¥à¤¤à¤¿ मà¥à¤¹à¥‚रà¥à¤¤à¥¤ धरà¥à¤®à¤¶à¤¾à¤¸à¥à¤¤à¥à¤°, जà¥à¤¯à¥‹à¤¤à¤¿à¤· व नैतिकता का संगम। कावà¥à¤¯-सौनà¥à¤¦à¤°à¥à¤¯, रमणीय, कमनीय, सà¥à¤®à¤°à¤£à¥€à¤¯à¥¤ सोलह संसà¥à¤•à¤¾à¤°à¥‹à¤‚ के पà¥à¤°à¤¾à¤®à¤¾à¤£à¤¿à¤• मà¥à¤¹à¥‚रà¥à¤¤à¥¤ विवाह कब होगा : जातक व मà¥à¤¹à¥‚रà¥à¤¤ समवेत । मंगलीक विचार : निवारण के उपाय। शà¥à¤à¤¾à¤¶à¥à¤ का निरà¥à¤£à¤¯ : सरल ढंग। शासà¥à¤¤à¥à¤° की सरल, सà¥à¤—म व पà¥à¤°à¤¾à¤®à¤¾à¤£à¤¿à¤• पà¥à¤°à¤¸à¥à¤¤à¥à¤¤à¤¿à¥¤ सà¥à¤µà¤¯à¤‚ à¤à¥€ मà¥à¤¹à¥‚रà¥à¤¤ निरà¥à¤£à¤¯ करने योगà¥à¤¯à¥¤ घर बनाने से पूरà¥à¤µ : अवशà¥à¤¯ पठनीय। सरà¥à¤µà¤ªà¥à¤°à¤¿à¤¯, मनमोहक, सà¥à¤¬à¥‹à¤§ शैली।
à¤à¥‚मिका पà¥à¤°à¤¾à¤•à¥ƒà¤¤ गà¥à¤°à¤¨à¥à¤¯ मà¥à¤¹à¥‚रà¥à¤¤à¤šà¤¿à¤¨à¥à¤¤à¤¾à¤®à¤£à¤¿, संसà¥à¤•à¥ƒà¤¤ हिनà¥à¤¦à¥€ टीका के साथ आज पाठकों के समà¥à¤®à¥à¤– है। मà¥à¤¹à¥‚रà¥à¤¤ विषय पर सबसे अधिक पà¥à¤°à¤¾à¤®à¤¾à¤£à¤¿à¤•, पà¥à¤°à¤¸à¤¿à¤¦à¥à¤§ à¤à¤µà¤‚ वà¥à¤¯à¤¾à¤µà¤¹à¤¾à¤°à¤¿à¤• शैली में लिखा गया यह गà¥à¤°à¤¨à¥à¤¥ अपने कà¥à¤·à¥‡à¤¤à¥à¤° में अदà¥à¤µà¤¿à¤¤à¥€à¤¯ है। इसलिठयह आज तक अपना सà¥à¤¥à¤¾à¤¨ अकà¥à¤·à¥à¤£à¥à¤£ बनाठहà¥à¤ है। पà¥à¤°à¤¾à¤°à¤®à¥à¤à¤¿à¤• विदà¥à¤¯à¤¾à¤°à¥à¤¥à¤¿à¤¯à¥‹à¤‚ से लेकर विदà¥à¤µà¤¤à¥ समà¥à¤¦à¤¾à¤¯ तक समान रूप से लोकपà¥à¤°à¤¿à¤¯ यह गà¥à¤°à¤¨à¥à¤¥-रल जà¥à¤¯à¥‹à¤¤à¤¿à¤· के संहिता शाखा सà¥à¤•à¤¨à¥à¤¦ का उपांग है पà¥à¤°à¤¸à¥à¤¤à¥à¤¤ गà¥à¤°à¤¨à¥à¤¥ पर गोविनà¥à¤¦ दैवजà¥à¤ž कृत पीयूषधारा संसà¥à¤•à¥ƒà¤¤ टीका व पà¥à¤°à¤®à¤¿à¤¤à¤¾à¤•à¥à¤·à¤°à¤¾ ये दो टीकाà¤à¤ पà¥à¤°à¤¸à¤¿à¤¦à¥à¤§ हैं। पà¥à¤°à¤®à¤¿à¤¤à¤¾à¤•à¥à¤·à¤°à¤¾ टीका, सà¥à¤µà¤¯à¤‚ गà¥à¤°à¤‚थकार राम दैवजà¥à¤ž ने ही अपने गà¥à¤°à¤¨à¥à¤¥ पर लिखी थी। पीयूषधारा à¤à¥€ इनà¥à¤¹à¥€à¤‚ के जà¥à¤¯à¥‡à¤·à¥à¤ à¤à¥à¤°à¤¾à¤¤à¤¾ शà¥à¤°à¥€ नीलकणà¥à¤ दैवजà¥à¤ž के पà¥à¤¤à¥à¤° गोविनà¥à¤¦ अरà¥à¤¥à¤¾à¤¤à¥ मà¥à¤¹à¥‚रà¥à¤¤à¤šà¤¿à¤¨à¥à¤¤à¤¾à¤®à¤£à¤¿ कार के à¤à¤¤à¥€à¤œà¥‡ ने लिखी थी संसà¥à¤•à¥ƒà¤¤ टीकाओं में दोनों ही टीकाà¤à¤ पà¥à¤°à¤¾à¤®à¤¾à¤£à¤¿à¤• व समादृत हैं। लेकिन पीयूषधारा विसà¥à¤¤à¥ƒà¤¤ है तथा पà¥à¤°à¤®à¤¿à¤¤à¤¾à¤•à¥à¤·à¤°à¤¾ अपने नाम के अनà¥à¤°à¥‚प ही पà¥à¤°à¤®à¤¾à¤£ सीमित अकà¥à¤·à¤°à¥‹à¤‚ वाली सारगरà¥à¤à¤¿à¤¤ है। उसकी महतà¥à¤¤à¤¾ इस बात से और बढ़ जाती है कि वह सà¥à¤µà¤¯à¤‚ गà¥à¤°à¤¨à¥à¤¥à¤•à¤¾à¤° दà¥à¤µà¤¾à¤°à¤¾ ही लिखी गई है। गà¥à¤°à¤¨à¥à¤¥à¤•à¤¾à¤° के मनà¥à¤¤à¤µà¥à¤¯ को सà¥à¤µà¤¯à¤‚ गà¥à¤°à¤¨à¥à¤¥à¤•à¤¾à¤° या सरà¥à¤µà¤œà¥à¤ž ईशà¥à¤µà¤° ही अधिक बेहतर ढंग से समठसकता है, इसीलिठगà¥à¤°à¤¨à¥à¤¥à¤•à¤¾à¤° की संसà¥à¤•à¥ƒà¤¤ टीका को इस संसà¥à¤•à¤°à¤£ में सà¥à¤¥à¤¾à¤¨ दिया गया है। आज के पाठक मà¥à¤¹à¥‚रà¥à¤¤ विषय को तारà¥à¤•à¤¿à¤•à¤¤à¤¾ से समठसकें, à¤à¤¤à¤¦à¤°à¥à¤¥ अà¤à¤¿à¤¨à¤µ यà¥à¤—ानà¥à¤•à¥‚ल अरà¥à¤¥à¤¯à¥à¤•à¥à¤¤ हिनà¥à¤¦à¥€ वà¥à¤¯à¤¾à¤–à¥à¤¯à¤¾ की आवशà¥à¤¯à¤•à¤¤à¤¾ तो थी ही, उस पर à¤à¥€ केवल सीधा शबà¥à¤¦à¤¾à¤¨à¥à¤µà¤¾à¤¦ मातà¥à¤° करने वाली टीकाà¤à¤ ही आज तक पà¥à¤°à¤•à¤¾à¤¶à¤¿à¤¤ हà¥à¤ˆ हैं।
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