Muhurat Vichar By Ach. Madan Mohan Joshi [AP]
Description
पà¥à¤°à¤¤à¥à¤¯à¥‡à¤• पà¥à¤°à¤¾à¤£à¥€ काल के अधीन है काल मानव के कà¥à¤°à¤®à¤¿à¤• विकास में महतà¥à¤µà¤ªà¥‚रà¥à¤£ à¤à¥‚मिका निà¤à¤¾à¤¤à¤¾ है जनà¥à¤® से मरण, इहलोक से परलोक तक, यहाठतक कि उतà¥à¤¥à¤¾à¤¨ पतन, सà¥à¤–-दà¥à¤ƒà¤– सà¤à¥€ में काल का ही नियनà¥à¤¤à¥à¤°à¤£ है निमेष से लेकर कलà¥à¤ªà¤¾à¤¦à¤¿ परà¥à¤¯à¤¨à¥à¤¤ कालमानों की वà¥à¤¯à¤µà¤¸à¥à¤¥à¤¾ है। उनमें कà¥à¤› वà¥à¤¯à¤¾à¤µà¤¹à¤¾à¤°à¤¿à¤• तथा कà¥à¤› सैदà¥à¤§à¤¾à¤¨à¥à¤¤à¤¿à¤• है हम वà¥à¤¯à¤¾à¤µà¤¹à¤¾à¤°à¤¿à¤• काल गणना घटी, पल, दिन, रात, तिथि, वार, पकà¥à¤·, मास, ऋतà¥, अयन संवत तक की ही परिकलà¥à¤ªà¤¨à¤¾ करते हैं इसी से मनà¥à¤·à¥à¤¯ शà¥à¤-अशà¥à¤ की पहचान करता है।
सकल विशà¥à¤µ वरà¥à¤· गणना को ही मà¥à¤–à¥à¤¯ केनà¥à¤¦à¥à¤° मानता है। à¤à¤²à¥‡ ही उसे कà¥à¤› à¤à¥€ नाम दिया गया हो। वरà¥à¤· में दो अयन, छ ऋतॠà¤à¤¾à¤°à¤¤ में पà¥à¤°à¤®à¥à¤– रूप में गानी जाती है महीना, दिन सà¤à¥€ मानते हैं। पà¥à¤°à¤¤à¥à¤¯à¥‡à¤• दिन-रात 24 घंटे (60 घंटे) का होता है। वà¥à¤¯à¤•à¥à¤¤à¤¿ की राशि से वह दिन किस के लिà¤, किस कारà¥à¤¯ के लिठकैसा है, यह काम गणना के तिथि वार, नकà¥à¤·à¤¤à¥à¤° करणदि बताते हैं। इनà¥à¤¹à¥€à¤‚ को आधार मानकर जीवन के शà¥à¤-अशà¥à¤ कारà¥à¤¯à¥‹ के पà¥à¤°à¤¤à¤¿ बार-बार चिंतन करना ही मà¥à¤¹à¥‚रà¥à¤¤ कहा जाता है। 'मà¥à¤¹à¥à¤ƒ मà¥à¤¹à¥à¤¶à¥à¤šà¤¿à¤¨à¥à¤¤à¥à¤¯à¤¤à¥‡ शà¥à¤à¤¾à¤¶à¥à¤à¤‚ फलं यसà¥à¤®à¤¿à¤¨à¥à¤¤à¤¤à¥' अरà¥à¤¥à¤¾à¤¤à¥ जिसमें बार-बार कà¥à¤°à¤¿à¤¯à¤®à¤¾à¤£ कारà¥à¤¯ के पà¥à¤°à¤¤à¤¿ तिथि, वार, नकà¥à¤·à¤¤à¥à¤° आदि को देखकर उसके शà¥à¤ फल के पà¥à¤°à¤¤à¤¿ सकà¥à¤°à¤¿à¤¯ तथा अशà¥à¤ फल के पà¥à¤°à¤¤à¤¿ निषà¥à¤•à¥à¤°à¤¿à¤¯ / सावधान हो जाते हैं।
Opps
Sorry, it looks like some products are not available in selected quantity.