MANLIK DOSH KARAN WA NIVARAN
Description
डॉ.à¤à¥‹à¤œà¤°à¤¾à¤œ दà¥à¤µà¤¿à¤µà¥‡à¤¦à¥€
मांगलिक दोष कारण à¤à¤µà¤‚ निवारण
अंतरराषà¥à¤Ÿà¥à¤°à¥€à¤¯ खà¥à¤¯à¤¾à¤¤à¤¿ पà¥à¤°à¤¾à¤ªà¥à¤¤ वासà¥à¤¤à¥ शासà¥à¤¤à¥à¤° à¤à¤µà¤‚ जà¥à¤¯à¤¾à¤¤à¤¿à¤·à¤¾à¤šà¤¾à¤°à¥à¤¯ डॉ. à¤à¥‹à¤œà¤°à¤¾à¤œ
दà¥à¤µà¤¿à¤µà¥‡à¤¦à¥€ कालजयी समय के अनमोल हसà¥à¤¤à¤¾à¤•à¥à¤·à¤° है। इंटरनेशनल वासà¥à¤¤à¥
à¤à¤¸à¥‹à¤¸à¤¿à¤à¤¶à¤¨ के संसà¥à¤¥à¤¾à¤ªà¤• डॉ. à¤à¥‹à¤œà¤°à¤¾à¤œ दà¥à¤µà¤¿à¤µà¥‡à¤¦à¥€ की पशसà¥à¤µà¤¾ लेखनी से रचित
जà¥à¤¯à¥‹à¤¤à¤¿à¤·, वासà¥à¤¤à¥ शासà¥à¤¤à¥à¤°, हसà¥à¤¤ रेखा, अंकविदà¥à¤¯à¤¾, आकृति विजà¥à¤žà¤¾à¤¨, यंतà¥à¤°-तंतà¥à¤°-मंतà¥à¤°
विजà¥à¤žà¤¾à¤¨, करà¥à¤®à¤•à¤¾à¤‚ड व पाहिले पर लगà¤à¤— 400 से अधिक पà¥à¤¸à¥à¤¤à¤• देश-विदश
की अनेक à¤à¤¾à¤·à¤¾à¤“ं में पढ़ी जाती है। फलित जà¥à¤¯à¥‹à¤¤à¤¿à¤· के अंत में अजà¥à¤žà¤¾à¤¤à¤¦à¤¶à¤¨
(पाकà¥à¤·à¤¿à¤•) à¤à¤µà¤‚ शà¥à¤°à¥€à¤šà¤£à¥à¤¡à¤®à¤¾à¤¨à¥à¤¡ (वाधिका) के माधà¥à¤¯à¤® से इनकी 3000 से अधिक
राषà¥à¤Ÿà¥à¤°à¥€à¤¯ व अंतराषà¥à¤Ÿà¥à¤°à¥€à¤¯ महतà¥à¤µ की à¤à¤µà¤¿à¤·à¥à¤¯à¤µà¤¾à¤£à¤¿à¤¯à¤¾à¤‚ पूरà¥à¤µ पà¥à¤°à¤•à¤¾à¤¶à¤¿à¤¤ होकर समय
चकà¥à¤° के साथ-साथ चलकर सतà¥à¤¯ पà¥à¤°à¤®à¤¾à¤£à¤¿à¤¤ हो चà¥à¤•à¥€ है।
मंगल को गà¥à¤°à¤¹à¥‹à¤‚ का सेनापति कहा गया है। यह पà¥à¤°à¥à¤·à¤¾à¤°à¥à¤¥ शकà¥à¤¤à¤¿ का पà¥à¤°à¤¤à¥€à¤•
है। पà¥à¤°à¥à¤· का शà¥à¤•à¥à¤°à¤¾à¤£à¥ à¤à¤µà¤‚ सà¥à¤¤à¥à¤°à¤¿à¤¯à¥‹à¤‚ का रज मंगल गà¥à¤°à¤¹ के पà¥à¤°à¤à¤¾à¤µ से बनता है। अतः
संतान उतà¥à¤ªà¤¤à¥à¤¤à¤¿, दामà¥à¤ªà¤¤à¥à¤¯ सà¥à¤–, परसà¥à¤ªà¤° गà¥à¤°à¤¹-गण-मिलाप में मंगल का à¤à¤¾à¤µ
सरà¥à¤µà¥‹à¤ªà¤°à¥€ है, अकà¥à¤·à¥à¤£à¥à¤£ है।
मांगलिक दोष का होना समà¥à¤ªà¥‚रà¥à¤£ संसार में ापà¥à¤¤ है अतः इसके निवारण
हेतॠयह पà¥à¤¸à¥à¤¤à¤• लिखी गई है, जो घट विवाह à¤à¤• विवाह à¤à¤µà¤‚ तà¥à¤²à¤¸à¥€ विवाह की
समà¥à¤ªà¥‚रà¥à¤£ विधि सहित है।
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