manikya [DP]
Description
[10:48, 10/9/2020] Raahul Lakhera: यह सतà¥à¤¯ है कि रतà¥à¤¨ धारण करने से अनेक असाधà¥à¤¯ रोग बीमारियां मिट जाती हैं। दà¥à¤°à¥à¤à¤¾à¤—à¥à¤¯ को सौà¤à¤¾à¤—à¥à¤¯ में बदला जा सकता है। पà¥à¤°à¤¤à¤¿à¤•à¥‚ल गà¥à¤°à¤¹-गोचरों को अनà¥à¤•à¥‚ल बनाया जा सकता है। अरà¥à¤¥à¤¾à¤¤ सà¤à¥€ पà¥à¤°à¤•à¤¾à¤° की पà¥à¤°à¤¤à¤¿ के लिठà¤à¤² धारण करना अतà¥à¤¯à¤‚त शà¥à¤°à¥‡à¤¯à¤¸à¥à¤•à¤° माना जाता है। रतà¥à¤¨ हमें शà¥à¤-अशà¥à¤ कारà¥à¤¯ होने का पूरà¥à¤µà¤¾à¤¨à¥à¤®à¤¾à¤¨ à¤à¥€ कराते हैं । ये रतà¥à¤¨ जाति, धरà¥à¤®, संपà¥à¤°à¤¦à¤¾à¤¯ से हटकर सà¤à¥€ मानव को अपनी तरफ आकरà¥à¤·à¤¿à¤¤ करते हैं।
नी रतà¥à¤¨à¥‹à¤‚ में माणिकà¥à¤¯ की शà¥à¤°à¥‡à¤·à¥à¤ ता सà¤à¥€ सà¥à¤µà¥€à¤•à¤¾à¤°à¤¤à¥‡ हैं। इसको धारण करना अतà¥à¤¯à¤‚त शà¥à¤à¤¦à¤¾à¤¯à¥€ होता है। चाहे नौकरी हो, कारोबार हो अथवा मान-पà¥à¤°à¤¤à¤¿à¤·à¥à¤ ा, में पà¥à¤°à¤¤à¤¿ ही मिलती है। असाधà¥à¤¯ रोगों से बचने के लिठà¤à¥€ माणिकà¥à¤¯ धारण उपयोगी है। यह सौंदरà¥à¤¯ बढ़ाने वाला व बेहतर कैरियर बनाने वाला होता है सामाजिक जीवन में মা को उचà¥à¤šà¤¤à¤® शिखर तक पहà¥à¤‚चाने का नाम है माणिकà¥à¤¯à¥¤ माणिकà¥à¤¯ का रंग लाल होता है। लाल रंग पराकà¥à¤°à¤® बढ़ाने वाला होता है। दà¥à¤¨à¤¿à¤¯à¤¾ में इसे 'लाल' से à¤à¥€ पà¥à¤•à¤¾à¤°à¤¾ जाता है।
[10:49, 10/9/2020] Raahul Lakhera: पà¥à¤°à¤¾à¤•à¥à¤•à¤¥à¤¨
रल उन दà¥à¤²à¤‚ठपà¥à¤·à¥à¤ªà¥‹à¤‚ की à¤à¤¾à¤‚ति है जो न कà¤à¥€ मà¥à¤°à¤à¤¾à¤¤à¥‡ हैं और न ही à¤à¥€ कà¥à¤®à¥à¤¹à¤²à¤¾à¤¤à¥‡ हैं, वे सदैव चितà¥à¤¤à¤¾à¤•à¤°à¥à¤·à¤• व समà¥à¤®à¥‹à¤¹à¤• होते हैं। पà¥à¤·à¥à¤¯à¥‹à¤‚ को ऑल दà¥à¤°à¥à¤¯à¥‹à¤§à¤¨ होने के बावजूद à¤à¥€ ये तन-मन को देदीपà¥à¤¯à¤®à¤¾à¤¨ करते है या अधातॠऊरà¥à¤œà¤¾à¤“ं के दाता व शकà¥à¤¤à¤¿ पà¥à¤°à¤¦à¤¾à¤¤à¤¾ होते हैं। à¤à¤¾à¤°à¤¤à¥€à¤¯ आधà¥à¤¯à¤¾à¤¤à¥à¤®à¤¿à¤• परंपराओं, संसà¥à¤•à¤¾à¤°à¥‹à¤‚, संसà¥à¤•à¥ƒà¤¤à¤¿à¤¯à¥‹à¤‚ ने संपूरà¥à¤£
विशà¥à¤µ को अपने चिंतन, आलौकिक दैविक आपदाओं से चमतà¥à¤•à¥ƒà¤¤ किया है। इसकी à¤à¥Œà¤¤à¤¿à¤• संपदाओं की चमक-दमक से संपूरà¥à¤£ विशà¥à¤µ चकाचौंध हो रहा है। हमारे रतà¥à¤¨à¥‹à¤‚ ने सदैव अपनी उपयोगिताओं के कारण पà¥à¤°à¤¸à¤¿à¤¦à¥à¤§à¤¿ पाई है। पारदरà¥à¤¶à¤¿à¤¤à¤¾, अलà¥à¤ª पारदरà¥à¤¶à¤¿à¤¤à¤¾, पारदरà¥à¤¶à¤¿à¤¤à¤¾, रंग विहीनता आकरà¥à¤·à¤•à¤¤à¤¾,
अनाकरà¥à¤·à¤•, कठोरता आदि रतà¥à¤¨à¥‹à¤‚ के विà¤à¤¾à¤œà¤¨ की विà¤à¤¿à¤¨à¥à¤¨ शà¥à¤°à¥‡à¤£à¤¿à¤¯à¤¾à¤‚ हैं।
अपरà¥à¤¯à¤¾à¤ªà¥à¤¤ और दà¥à¤°à¥à¤²à¤ वसà¥à¤¤à¥à¤“ं के संगà¥à¤°à¤¹ की लालसा मानव-मन में सदैव विदà¥à¤¯à¤®à¤¾à¤¨ रहती है, इसीलिठआसानी से पà¥à¤°à¤¾à¤ªà¥à¤¤, सà¥à¤²à¤ वसà¥à¤¤à¥à¤“ं, रतà¥à¤¨à¥‹à¤‚ आदि के पà¥à¤°à¤¤à¤¿ उसका आकरà¥à¤·à¤£ समापà¥à¤¤ हो जाता है। अतः रतà¥à¤¨à¥‹à¤‚ की दà¥à¤°à¥à¤²à¤à¤¤à¤¾ à¤à¥€ उसका विशेष गà¥à¤£ माना जाता है। इसके अतिरिकà¥à¤¤ रतà¥à¤¨à¥‹à¤‚ के दो और विशेष गà¥à¤£ हैं- पà¥à¤°à¤¥à¤® कठोरता व दà¥à¤µà¤¿à¤¤à¥€à¤¯ चितà¥à¤¤à¤¾à¤•à¤°à¥à¤·à¤•à¤¤à¤¾à¥¤ रतà¥à¤¨ धारण करने की पà¥à¤°à¤¥à¤¾ अतà¥à¤¯à¤‚त पà¥à¤°à¤¾à¤šà¥€à¤¨ तो है ही, साथ ही लाà¤à¤•à¤¾à¤°à¥€ à¤à¥€ है। जनमानस के पटल पर रतà¥à¤¨à¥‹à¤‚ के विषय में अनेक
à¤à¥à¤°à¤¾à¤‚तियां हैं जिस कारण समाज का à¤à¤• बड़ा वरà¥à¤— इसके लाà¤à¥‹à¤‚ से सदैव ही वंचित रहा है। इसी अजà¥à¤žà¤¾à¤¨à¤¤à¤¾ वश इसका पà¥à¤°à¤à¥à¤¤à¥à¤µ à¤à¤• समà¥à¤¦à¤¾à¤¯ विशेष के हाथों सीमित रह गया है। कब खरीदें, कहां से खरीदें, कैसे बनवाà¤à¤‚, कब और कैसे पहचाने? असली है अथवा नकली? कà¥à¤¯à¤¾ दूसरे का उतारा हà¥à¤† रतà¥à¤¨ फलदायी होगा? इनà¥à¤¹à¥€à¤‚ सब à¤à¥à¤°à¤¾à¤‚तिपूरà¥à¤£ पà¥à¤°à¤¶à¥à¤¨à¥‹à¤‚ के निवारणारà¥à¤¥ इस
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