Mahilaye Aur Jyotish By Parmanand Sharma & Dr Sukhdev Chaturvedhi [RP]

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Description

शरीर-लक्षण : एक विवेचन

अंग-प्रत्यंगों का अध्ययन

जन्म-कुंडली का अध्ययन करने से पूर्व स्त्रियों के बाहरी अंग का अ कर उसके शुभाशुभ का ज्ञान करना हो लाभप्रद है। के अमल पर और व्यावहारिक जीवन में उससे बड़ी सहायता वि है।

पादतल लक्षण-सिम स्मो के पैर के तलुए चीरते. मुलायम, पुष्ट

म ( बहुत ही. छोटे), लान पशीने से रहित रम हो, वह सुख

খ करने वाली है। उसे अपने पति से अच्छा शारीरिक, मानसिक और

अधिक सुख मिलता है।

पादतल रेखा-जिसके पैर में (तलुए में) शंख स्वस्तिक, चक्र, আমল मत्स्य माता के चिन्ह हों या ऊर्ध्व रेखा लम्बी हो, वह स्त्री किसी प्रिय मंत्रो, नेता, व्यापारी या राजकीय अधिकारी को पत्नी होती बॉम्बर्स भी सरलता से प्रभावशाली शासिका हो सकती है। उसे पति का अ सुख मिलता है। इसके विपरीत जिसके तलुए में सौंप, चूहा, कौआ की आकृति के थिए हों या दु:ख भोगने वाली भन-होना और अशुभ होती है।

अनुभावी सामुद्रिक आचार्य राज ज्योतिषी श्री लक्ष्मीनारायण त्रिपाठी रक्षते हैं-"जिस कन्या के पादतल में धजा की रेखा हो वह चक्रवत

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