Lal kitab Mool Siddhant Aur Totke
Description
अपनी बात
जà¥à¤¯à¥‹à¤¤à¤¿à¤· पà¥à¤°à¥‡à¤®à¤¿à¤¯à¥‹à¤‚ के लिठलाल किताब अपरिचित नाम नहीं है। यह रचना जà¥à¤¯à¥‹à¤¤à¤¿à¤· जिजà¥à¤žà¤¾à¤¸à¥à¤“ं और अधिकारी विदà¥à¤µà¤¾à¤¨à¥‹à¤‚ के बीच समान रूप से लोकपà¥à¤°à¤¿à¤¯ है। जà¥à¤¯à¥‹à¤¤à¤¿à¤· में विशà¥à¤µà¤¾à¤¸ रखने वाला कोई à¤à¥€ वà¥à¤¯à¤•à¥à¤¤à¤¿ लाल किताब के टोटकों पर मà¥à¤šà¥à¤¯ हà¥à¤ बिना नहीं रह सकता। जà¥à¤¯à¥‹à¤¤à¤¿à¤·à¤¿à¤¯à¥‹à¤‚ को à¤à¥€ इस पर नाज है। लाल किताब के टोटके इतने सरल और सà¥à¤•à¤° हैं कि सामानà¥à¤¯ वà¥à¤¯à¤•à¥à¤¤à¤¿ को à¤à¥€ इनà¥à¤¹à¥‡à¤‚ समà¤à¤¨à¥‡ और करने में कोई कठिनाई नहीं होती।
दिमाग में तकलीफ है तो कà¥à¤‚डली के आठवें à¤à¤¾à¤µ में राहॠपीड़ित है बहते पानी में खोटे सिकà¥à¤•à¥‡ बहा दीजिà¤à¥¤ राहत मिल जायगी।
हृदय रोग से पीड़ित हैं तो तीसरे à¤à¤¾à¤µ में चनà¥à¤¦à¥à¤°à¤®à¤¾ पीड़ित है। कà¥à¤à¤µà¤¾à¤°à¥€ कनà¥à¤¯à¤¾à¤“ं को हरे रंग के वसà¥à¤¤à¥à¤° उपहार में दीजिà¤à¥¤
सà¥à¤¨à¤¾à¤¯à¥ रोग से पीड़ित होने का कारण यह है कि à¤à¤•à¤¾à¤¦à¤¶ में बैठा हà¥à¤† बà¥à¤§ अनिषà¥à¤Ÿ फल दे रहा है। कनà¥à¤¯à¤¾à¤“ं की पूजा कीजिये, बà¥à¤°à¤¾à¤¹à¥à¤®à¤£ को पेठा दान में दीजिà¤à¥¤ फिटकड़ी से दांत साफ कीजिà¤à¥¤
पिता के पà¥à¤°à¤¤à¤¿ पà¥à¤¤à¥à¤° का वà¥à¤¯à¤µà¤¹à¤¾à¤° खराब है तो केतॠअशà¥à¤ कर रहा है मनà¥à¤¦à¤¿à¤° में कमà¥à¤¬à¤² बाà¤à¤Ÿà¤¨à¥‡à¥¤ कà¥à¤¤à¥à¤¤à¥‹à¤‚ को à¤à¥‹à¤œà¤¨ दीजिà¤à¥¤ पेशाब में तकलीफ à¤à¥€ केतॠकी करामात है। अब चांदी का छलà¥à¤²à¤¾ धारण कीजिà¤à¥¤
पतà¥à¤¨à¥€ का सà¥à¤µà¤¾à¤¸à¥à¤¥à¥à¤¯ खराब है, दामà¥à¤ªà¤¤à¥à¤¯-सà¥à¤– पाना है तो अपने à¤à¥‹à¤œà¤¨ में से गà¥à¤°à¤¾à¤¸ निकाल कर गऊ को खिलाइये।
गऊ का गà¥à¤°à¤¾à¤¸ निकालना, कà¥à¤¤à¥à¤¤à¥‹à¤‚ को रोटी देना, बà¥à¤°à¤¾à¤¹à¥à¤®à¤£ को पेठा देना, कनà¥à¤¯à¤¾à¤“ं
की पूजा करना, चांदी का छलà¥à¤²à¤¾ पहनना, बहते पानी में सिकà¥à¤•à¥‡ पà¥à¤°à¤µà¤¾à¤¹à¤¿à¤¤ करना शà¥à¤ है, कलà¥à¤¯à¤¾à¤£à¤•à¤¾à¤°à¥€ है। यह विशà¥à¤µà¤¾à¤¸ हमारे समाज में संसà¥à¤•à¤¾à¤° का रूप धारण कर चà¥à¤•à¤¾ है।
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