KYA KAHTE HAIN VED BY MAHESH SHARMA (DP)
Description
कà¥à¤¯à¤¾ कहते हैं बेद?
का अरà¥à¤¥ है- 'मान' वसà¥à¤¤à¥ शान या पà¥à¤°à¤•à¤¾à¤¶ है जो मनà¥à¤·à¥à¤¯-मन के अजà¥à¤žà¤¾à¤¨ रूपी अंधकार को नषà¥à¤Ÿ कर देता है। वेदों में परमः सतà¥à¤¯ ईशà¥à¤µà¤° की वाणी संगà¥à¤°à¤¹à¤¿à¤¤ की गई है वेद हमारी पà¥à¤°à¤¾à¤šà¥€à¤¨ à¤à¤¾à¤°à¤¤à¥€à¤¯ संसà¥à¤•à¥ƒà¤¤à¤¿ के अकà¥à¤·à¥à¤£à¥à¤£ à¤à¤£à¥à¤¡à¤¾à¤° है। हमारे ऋषि-मà¥à¤¨à¤¿à¤¯à¥‹à¤‚ ने यà¥à¤—ों तक गहन चितन-मनन कर इस बà¥à¤°à¤¹à¥à¤®à¤¾à¤£à¥à¤¡ में उपसà¥à¤¥à¤¿à¤¤ कण-कण के गृह रहसà¥à¤¯ का सतà¥à¤¯ जà¥à¤žà¤¾à¤¨ वेदों में संगà¥à¤°à¤¹à¥€à¤¤ किया। लेकिन सामानà¥à¤¯ जन वेदा की करण के गूढ़ रहसà¥à¤¯à¥‹à¤‚ का अंश मातà¥à¤° à¤à¥€ गà¥à¤°à¤¹à¤£ नहीं पाता। के लिठसà¤à¥€ पà¥à¤°à¤•à¤¾à¤° के जान के à¤à¤£à¥à¤¡à¤¾à¤° है।
वेदों में जीवन धरà¥à¤® का ही उलà¥à¤²à¥‡à¤– नहीं है, इनमें राजतेआच विधायक विशेष नà¥à¤¯à¤¾à¤¯ तथा दरà¥à¤¶à¤¨ आदि का à¤à¥€ विसà¥à¤¤à¥ƒà¤¤ उलà¥à¤²à¥‡ मिलना है। तातà¥à¤ªà¤°à¥à¤¯ यह है कि वेदों में कोई à¤à¥€ विषय अमृता नहीं रहा । वेदों
मि-नाम है जो आज के वैजà¥à¤žà¤¾à¤¨à¤¿à¤• यà¥à¤— में à¤à¥€ पà¥à¤°à¤®à¤¾à¤£à¤¿à¤¤ है। संकà¥à¤·à¥‡à¤ª में कां तो वेद à¤à¤¾à¤¨ के वे à¤à¤£à¥à¤¡à¤¾à¤° है जिनके उचित मापन अजान की उपलबà¥à¤§à¤¿ होती है। इसी धà¥à¤¯à¤¾à¤¨ को धà¥à¤¯à¤¾à¤¨ में रख पतन पà¥à¤¸à¥à¤¤à¤• में वेदों के जà¥à¤žà¤¾à¤¨ का सार मेघ सरल शबà¥à¤¦à¥‹à¤‚ में पà¥à¤°à¤¸à¥à¤¤à¥à¤¤ किया गया है।
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