KAAL SARP YOG SHANTI [DP]
Description
कालसरà¥à¤ª योग शांति à¤à¤µà¤‚ घट-विवाह पर
अंतरà¥à¤°à¤¾à¤·à¥à¤Ÿà¥à¤°à¥€à¤¯ खà¥à¤¯à¤¾à¤¤à¤¿ पà¥à¤°à¤¾à¤ªà¥à¤¤ वासà¥à¤¤à¥ शासà¥à¤¤à¥à¤° à¤à¤µà¤‚ जà¥à¤¯à¥‹à¤¤à¤¿à¤·à¤¾à¤šà¤¾à¤°à¥à¤¯ डॉ. à¤à¥‹à¤œà¤°à¤¾à¤œ दà¥à¤µà¤¿à¤µà¥‡à¤¦à¥€ कालजयी समय के अनमोल हसà¥à¤¤à¤¾à¤•à¥à¤·à¤° है। डॉ. दà¥à¤µà¤¿à¤µà¥‡à¤¦à¥€ की यशसà¥à¤µà¥€ लेखनी से रचित जà¥à¤¯à¥‹à¤¤à¤¿à¤·, शासà¥à¤¤à¥à¤°, हसà¥à¤¤à¤°à¥‡à¤–ा, अंक आकृति विजà¥à¤žà¤¾à¤¨, यंतà¥à¤°-तंतà¥à¤° विजà¥à¤žà¤¾à¤¨, करà¥à¤®à¤•à¤¾à¤‚ड व पौरोहितà¥à¤¯ पर लगà¤à¤— 258 से अधिक पà¥à¤¸à¥à¤¤à¤•à¥‡ देश-विदेश की अनेक à¤à¤¾à¤·à¤¾à¤“ं में पढ़ी जाती इनकी 3000 से अधिक राषà¥à¤Ÿà¥à¤°à¥€à¤¯ व अंतरà¥à¤°à¤¾à¤·à¥à¤Ÿà¥à¤°à¥€à¤¯ महतà¥à¤µ की à¤à¤µà¤¿à¤·à¥à¤¯à¤µà¤¾à¤£à¤¿à¤¯à¤¾à¤‚ पूरà¥à¤µ पà¥à¤°à¤•à¤¾à¤¶à¤¿à¤¤ होकर समय चकà¥à¤° के साथ-साथ सतà¥à¤¯ पà¥à¤°à¤®à¤¾à¤£à¤¿à¤¤ हो चà¥à¤•à¥€ है।
सà¥à¤¥à¤¾à¤ªà¤¿à¤¤ करना, उनकी पूजा से अनंत à¤à¤¶à¥à¤µà¤°à¥à¤¯ और मनोवांछित आशीरà¥à¤µà¤¾à¤¦ पà¥à¤°à¤¾à¤ªà¥à¤¤ करना ही à¤à¤¾à¤°à¤¤à¥€à¤¯ संसà¥à¤•à¥ƒà¤¤à¤¿ की à¤à¤• विशेषता है। कालसरà¥à¤ª योग के बारे में कई पà¥à¤°à¤•à¤¾à¤° की जनशà¥à¤°à¥à¤¤à¤¿à¤¯à¤¾à¤‚ à¤à¤µà¤‚ जन-जन में वà¥à¤¯à¤¾à¤ªà¥à¤¤ है। यह विषय शोध की दृषà¥à¤Ÿà¤¿ से उपेकà¥à¤·à¤¿à¤¤ रहा है। जà¥à¤¯à¥‹à¤¤à¤¿à¤· जगतॠमें पहला अवसर है जब किसी जà¥à¤¯à¥‹à¤¤à¤¿à¤·à¤¾à¤šà¤¾à¤°à¥à¤¯ ने इस विषय पर शोधकारà¥à¤¯ किया है à¤à¤µà¤‚ पà¥à¤°à¤¾à¤šà¥€à¤¨ à¤à¥à¤°à¤¾à¤‚तियों का निराकरण कर नवीन à¤à¤µà¤¿à¤·à¥à¤¯à¤µà¤¾à¤£à¤¿à¤¯à¥‹à¤‚ को पà¥à¤°à¤¤à¤¿à¤¸à¥à¤¥à¤¾à¤ªà¤¿à¤¤ किया है। पà¥à¤¸à¥à¤¤à¤• में कालसरà¥à¤ª योग के पà¥à¤°à¤•à¤¾à¤° तथा पà¥à¤°à¤à¤¾à¤µà¥‹à¤‚ का विसà¥à¤¤à¥ƒà¤¤ वरà¥à¤£à¤¨ दिया गया है। शासà¥à¤¤à¥à¤°à¥‹à¤‚ में अशà¥à¤ निवारण के अनेक उपाठवरà¥à¤£à¤¿à¤¤ जिनसे दà¥à¤°à¥à¤à¤¾à¤—à¥à¤¯ को से बदला जा सकता है। पà¥à¤°à¤¸à¥à¤¤à¥à¤¤ पà¥à¤¸à¥à¤¤à¤• में कालसरà¥à¤ª योग, योग, विष योग, घट विवाह इतà¥à¤¯à¤¾à¤¦à¤¿ के कारण à¤à¤µà¤‚ निवारण को लेकर जà¥à¤¯à¥‹à¤¤à¤¿à¤· तथा करà¥à¤®-कांड विषय के रहसà¥à¤¯à¥‹à¤‚ को आम पाठक के लिठउजागर किया गया है
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