Jyotish Prashnotari [Hindi]
Description
जà¥à¤¯à¥‹à¤¤à¤¿à¤· वह पà¥à¤°à¤¾à¤šà¥€à¤¨à¤¤à¤® विजà¥à¤žà¤¾à¤¨à¤‚ है जिसका अधà¥à¤¯à¤¯à¤¨ अधिकांश पà¥à¤°à¤¾à¤šà¥€à¤¨ सà¤à¥à¤¯à¤¤à¤¾à¤“ं में किया गया है l जà¥à¤¯à¥‹à¤¤à¤¿à¤· से जà¥à¥œà¥‡ पà¥à¤°à¤¤à¥€à¤•à¥‹à¤‚ को लà¥à¤ªà¥à¤¤ हो चà¥à¤•à¥€ सà¥à¤®à¥‡à¤° व सà¥à¤®à¤¾à¤¤à¥à¤°à¤¾ सà¤à¥à¤¯à¤¤à¤¾à¤“ं में à¤à¥€ देखा गया है l à¤à¤¸à¥€ अनेक सà¤à¥à¤¯à¤¤à¤¾à¤à¤‚ जनà¥à¤® लेकर फूली - फली व नषà¥à¤Ÿ हो गई किनà¥à¤¤à¥ जà¥à¤¯à¥‹à¤¤à¤¿à¤· का जà¥à¤žà¤¾à¤¨ सà¤à¥€ को था l अतः समसà¥à¤¤ संसार में तथा विशेष रूप से à¤à¤¾à¤°à¤¤ में जà¥à¤¯à¥‹à¤¤à¤¿à¤· को अतà¥à¤¯à¤‚त समà¥à¤®à¤¾à¤¨ की दृषà¥à¤Ÿà¤¿ से देखा जाता है l à¤à¤¾à¤°à¤¤ में तो इसे जà¥à¤žà¤¾à¤¨ का नेतà¥à¤° ही माना जाता है lÂ
इस पà¥à¤¸à¥à¤¤à¤• में जà¥à¤¯à¥‹à¤¤à¤¿à¤· से जà¥à¥œà¥‡ पà¥à¤°à¤¶à¥à¤¨à¥‹à¤‚ को पà¥à¤°à¤¶à¥à¤¨à¥‹à¤¤à¥à¤¤à¤°à¥€ के माधà¥à¤¯à¤® से पà¥à¤°à¤¸à¥à¤¤à¥à¤¤ किया गया है l इससे पाठकों में जà¥à¤¯à¥‹à¤¤à¤¿à¤· के पà¥à¤°à¤¤à¤¿ रूचि बà¥à¥‡à¤—ी lÂ
डॉ à¤à¥‹à¤œà¤°à¤¾à¤œ दà¥à¤µà¤¿à¤µà¥‡à¤¦à¥€ की यशशà¥à¤µà¥€ लेखनी से रचित जà¥à¤¯à¥‹à¤¤à¤¿à¤· , वासà¥à¤¤à¥à¤¶à¤¾à¤¸à¥à¤¤à¥à¤° , हसà¥à¤¤à¤°à¥‡à¤–ा , अंकविदà¥à¤¯à¤¾ , रतà¥à¤¨à¤µà¤¿à¤¦à¥à¤¯à¤¾ , आकृति विजà¥à¤žà¤¾à¤¨à¤‚ , यनà¥à¤¤à¥à¤°-तंतà¥à¤° - मंतà¥à¤° - विजà¥à¤žà¤¾à¤¨à¤‚ , करà¥à¤®à¤•à¤¾à¤‚ड व पौरौहित पर लगà¤à¤— ४०० पà¥à¤¸à¥à¤¤à¤•à¥‡à¤‚ , ३००० से अधिक राषà¥à¤Ÿà¥à¤°à¥€à¤¯ महतà¥à¤¤à¥à¤µ की à¤à¤µà¤¿à¤·à¥à¤¯à¤µà¤¾à¤£à¤¿à¤¯à¤¾à¤‚ , पूरà¥à¤µ पà¥à¤°à¤•à¤¾à¤¶à¤¿à¤¤ होकर समय चकà¥à¤° के साथ-साथ चलकर सतà¥à¤¯ पà¥à¤°à¤®à¤¾à¤£à¤¿à¤¤ हो चà¥à¤•à¥€ हैं जो जà¥à¤¯à¥‹à¤¤à¤¿à¤· का à¤à¤• गौरवपूरà¥à¤£ कीरà¥à¤¤à¤¿à¤®à¤¾à¤¨ है l
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