Jyotish Prarabdh Tatha Kala Chakra By K N Rao [VP]

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Description

पुस्तक परिचय

पुस्तक में दी गयी रोचक घटनाएं पठनीय है। यदि आप ज्योतिष शास्त्र से अनभिज्ञ भी है, तो भी सच्ची अपनाएं आपको रोचक अवश्य लगेंगी, और पटि आप ज्योतिषी हैं तो निश्चित ही आपके ज्ञान में वृद्धि होगी।

आज के हमारे युग में विज्ञान तथा खगोल शास्त्र आदि को ईश्वर का पर्याय बना दिया गया है। विज्ञान को गोली उपलब्धियां ईश्वर की सत्ता को नकारना चाह रही है। ज्योतिष जो वस्तु पर वैज्ञानिक शास्त्र है, ईश्वर की सत्ता में दृढ आस्था को प्रेरित करने के लिये कृतसंकल्प है।

यद्यपि तथाकथित तर्क नदियों तथा पश्चिम की अन्य धुन्ध नकल करने वाले मूर्ख वैज्ञानिकों के गले जल्दी से यह सत्य नहीं उतोगा पर सत्य तो यही है कि ज्योतिष शास्त्र में केवल सत्य और सत्य के अतिरिक्त और कुछ नहीं समाहित है। यह दीगर बात है कि ज्योगि्ि भी ज्योतिष शाम के पूर्ण सत्य को ममझने में, अपने सीमित जान

के कारण, असमर्थ हो जाते हैं।

यह पुस्तक मान्यता स्थापित करती है कि - प्रारभ्य है, जन्म जन्मांतर पुनर्जन्म का चक्र है, कर्म, कर्मफल तथा जन्म जन्मान्तर के कर्म संस्कार, एक शाश्वत तथा सिद्ध सतय हैं।

चाल चक्र है, जिसकी अपनी रहस्यात्मक गति है, तथा जिसको ज्योतिषी ही भानी प्रकार समझ सकता है। भौतिक विज्ञान की स्थूल उपलब्धियों तथा खगोल शास्त्रियों के सतही ज्ञान के बखान

ने आपके शुद्ध अंतःकरण को भरने ही कितना सूचित कर रखा हो, यह पुस्तक पुनः

आपको आस्थावान बनने को प्रेरित करेगी घर कहां ऐसा न हो कि आप किसी

ज्योतिषी को ही सर्व भगवान मानने लगे।

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