JYOTISH PHALDEEPIKA [DP]
Description
जà¥à¤¯à¥‹à¤¤à¤¿à¤· फलदीपिका शà¥à¤°à¥€ मोहन à¤à¤¾à¤ˆ डी पटेल
आचारà¥à¤¯ पाराशर
विशà¥à¤µ पà¥à¤°à¤¸à¤¿à¤¦à¥à¤§ जà¥à¤¯à¥‹à¤¤à¤¿à¤·à¥€ शà¥à¤°à¥€ मोहन à¤à¤¾à¤ˆ डी पटेल आचारà¥à¤¯ पाराशर जà¥à¤¯à¥‹à¤¤à¤¿à¤· के कà¥à¤·à¥‡à¤¤à¥à¤° के à¤à¥€à¤·à¥à¤® पितामह कहे जाते हैं। ये पिछले 30 साल से जà¥à¤¯à¥‹à¤¤à¤¿à¤· की शà¥à¤°à¥‡à¤·à¥à¤ गà¥à¤œà¤°à¤¾à¤¤à¥€ मासिक पतà¥à¤°à¤¿à¤•à¤¾ à¤à¤µà¤¿à¤·à¥à¤¯ निदान अनवरत पà¥à¤°à¤•à¤¾à¤¶à¤¿à¤¤ कर रहे हैं इनà¥à¤¹à¥‹à¤‚ने जà¥à¤¯à¥‹à¤¤à¤¿à¤·à¤¶à¤¾à¤¸à¥à¤¤à¥à¤° के गà¥à¤œà¤°à¤¾à¤¤à¥€ à¤à¤¾à¤·à¤¾ में विशà¥à¤µ में सबसे जà¥à¤¯à¤¾à¤¦à¤¾ गà¥à¤°à¤‚थों की रचना की है और अपने अनेक शिषà¥à¤¯à¥‹à¤‚ को जà¥à¤¯à¥‹à¤¤à¤¿à¤· गà¥à¤°à¤‚थों की रचना में मारà¥à¤—दरà¥à¤¶à¤¨ किया है। आप वृहद गà¥à¤œà¤°à¤¾à¤¤ à¤à¤¸à¥à¤Ÿà¥à¤°à¥‹à¤²à¥‰à¤œà¤¿à¤•à¤² सोसाइटी के संसà¥à¤¥à¤¾à¤ªà¤• व अधà¥à¤¯à¤•à¥à¤· है और पिछले 25 वरà¥à¤·à¥‹à¤‚ से ऑल इंडिया à¤à¤¸à¥à¤Ÿà¥à¤°à¥‹à¤²à¥‰à¤œà¥€ फेडरेशन के अधà¥à¤¯à¤•à¥à¤· पद से जà¥à¤¯à¥‹à¤¤à¤¿à¤·à¤¶à¤¾à¤¸à¥à¤¤à¥à¤° की सेवा में लगे हैं। इनके मारà¥à¤—दरà¥à¤¶à¤¨ तले 10,000 जà¥à¤¯à¥‹à¤¤à¤¿à¤·à¤¿à¤¯à¥‹à¤‚ ने शिकà¥à¤·à¤¾
पà¥à¤°à¤¾à¤ªà¥à¤¤ की है। जà¥à¤¯à¥‹à¤¤à¤¿à¤· शासà¥à¤¤à¥à¤° का कोई à¤à¥€ विषय हो, जैसे- हसà¥à¤¤à¤°à¥‡à¤–ा शासà¥à¤¤à¥à¤° वासà¥à¤¤à¥ शासà¥à¤¤à¥à¤°, फेंग शà¥à¤ˆ या योगशासà¥à¤¤à¥à¤° हो, à¤à¤¸à¥‡ सà¤à¥€ विषयों पर इनà¥à¤¹à¥‹à¤‚ने अनेक गà¥à¤°à¤‚थों की रचना की है, जो जà¥à¤¯à¥‹à¤¤à¤¿à¤· रसिकों में अतà¥à¤¯à¤‚त लोकपà¥à¤°à¤¿à¤¯ हैं और जीवन के वासà¥à¤¤à¤µà¤¿à¤• सतà¥à¤¯à¤¤à¤¾ से जà¥à¤¡à¤¼à¥€ है। मेरी नजर में शà¥à¤°à¥€ मोहन à¤à¤¾à¤ˆ डी. पटेल आचारà¥à¤¯ पराशरम को अतà¥à¤¯à¤‚त ईशà¥à¤µà¤°à¥€à¤¯ पà¥à¤°à¥‡à¤°à¤£à¤¾à¤“ं से यà¥à¤•à¥à¤¤, संपूरà¥à¤£ अंतरà¥à¤¸à¥‚ठसे पà¥à¤°à¤—लà¥à¤ और जीवन के सतà¥à¤¯-सतà¥à¤¯ को पचाने वाला à¤à¤• अदà¥à¤à¥à¤¤ वà¥à¤¯à¤•à¥à¤¤à¤¿ मानता हूं। पिछले चार दशक से हम दोनों की मितà¥à¤°à¤¤à¤¾ विकसित होती रही है। मैं इनको इस सदी का महानॠजà¥à¤¯à¥‹à¤¤à¤¿à¤·à¥€ मानता हूं।
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