JYOTISH AUR LAXMI YOG KARK LAGNA
Description
दो शबà¥à¤¦
या देवी सरà¥à¤µà¤à¥‚तेषॠसमृदà¥à¤§à¤¿ रूपेण सरसà¥à¤µà¤¤à¥€à¥¤ नमसà¥à¤¤à¤¸à¥à¤¯à¥ˆ नमसà¥à¤¤à¤¸à¥à¤¯à¥ˆ नमसà¥à¤¤à¤¸à¥à¤¯à¥ˆ नमो नमः ।
महालकà¥à¤·à¥à¤®à¥€ को पनदातà¥à¤°à¥€ देवी माना जाता है। आजतक पन का अà¤à¤¿à¤ªà¥à¤°à¤¾à¤¯ रà¥à¤ªà¤, पैसे, डॉलर, डीप, यूरो आदि अनेक मà¥à¤¦à¥à¤°à¤¾à¤à¤‚ मानी जाती है और जिसके पास जितनी अधिक मातà¥à¤°à¤¾ हो वह उतना ही धनपान माना जाता है लेकिन जिस लकà¥à¤·à¥à¤®à¥€ की पूजा à¤à¤µà¤‚ बाहना à¤à¤¾à¤°à¤¤à¥€à¤¯ जनता को होती है उसमें मà¥à¤¦à¥à¤°à¤¾ की पà¥à¤°à¤§à¤¾à¤¨à¤¤à¤¾ के साथ तन à¤à¤µà¤‚ मन की समृदà¥à¤§à¤¿ की चाहना à¤à¥€ होती है। वासà¥à¤¤à¤µ में जो वà¥à¤¯à¤•à¥à¤¤à¤¿ तन-मन पन से संपनà¥à¤¨ है, वही लकà¥à¤·à¥à¤®à¥€à¤µà¤¾à¤¨ होता है।
देवà¤à¥‚मि à¤à¤¾à¤°à¤¤, जिसकी मिटà¥à¤Ÿà¥€ का तिलक किया जाता है, जहाठनदियों को नमन किया जाता है, जहाठओंकार की गूंज, मंदिरों शंख धà¥à¤µà¤¨à¤¿ और हवन का धà¥à¤‚आ ही नहीं, बलà¥à¤•à¤¿ रिमà¥à¤¿à¤® सावन में मेहंदी के बूटे, नवरातà¥à¤°à¤¿ में नवदà¥à¤°à¥à¤—ा की आराधना तो कà¤à¥€ अमावस की काली रात में माटी के दीयों की दीपमालिका à¤à¤¿à¤²à¤®à¤¿à¤²à¤¾à¤¤à¥€ है। आधà¥à¤¯à¤¾à¤¤à¥à¤® की इस धरती पर तà¥à¤¯à¥Œà¤¹à¤¾à¤°à¥‹à¤‚ के अनेक रंग है, लेकिन दीपावली का अलग ही महतà¥à¤¤à¥à¤µ है, यह तà¥à¤¯à¥‹à¤¹à¤¾à¤° पाà¤à¤š दिनों के परà¥à¤µ के साथ पूरà¥à¤£ होता है और हमें जोड़ता है धन से धरà¥à¤® तक।
पà¥à¤°à¤•à¤¾à¤¶ जà¥à¤žà¤¾à¤¨ का दà¥à¤¯à¥‹à¤¤à¤• है और दीप साधना का पà¥à¤°à¤¤à¥€à¤• जà¥à¤žà¤¾à¤¨ और साधना के दà¥à¤µà¤¾à¤°à¤¾ ही जीवन और संसà¥à¤•à¥ƒà¤¤à¤¿ में शील, सौनà¥à¤¦à¤°à¥à¤¯ à¤à¤µà¤‚ समृदà¥à¤§à¤¿ की अधिषà¥à¤ ातà¥à¤°à¥€ माठमहालकà¥à¤·à¥à¤®à¥€ की पà¥à¤°à¤¤à¤¿à¤·à¥à¤ ा की जाती है। पà¥à¤°à¤œà¥à¤µà¤²à¤¿à¤¤ दीप मालिकाà¤à¤‚ सजग साधना की धोतक है। हमारी कामना यही होती है कि हमारे जीवन का पल-पल इस दीप साधना के आलोक से पà¥à¤°à¤•à¤¾à¤¶à¤¿à¤¤ हो और हमारा मन à¤à¤µà¤‚ जीवन लकà¥à¤·à¥à¤®à¥€ की विà¤à¥‚ति से परिपूरà¥à¤£ हो। यही लकà¥à¤·à¥à¤®à¥€ पूजन का लकà¥à¤·à¥à¤¯ है और धरà¥à¤® उस साधना
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