Jyotish And Santan Yoga By Dr. Bhojraj Dwivedi [DP]
Description
संसार का पà¥à¤°à¤¤à¥à¤¯à¥‡à¤• मनà¥à¤·à¥à¤¯ सà¥à¤¤à¥à¤°à¥€ या पà¥à¤°à¥à¤· चाहे किसी à¤à¥€ जाति, धरà¥à¤® व संपà¥à¤°à¤¦à¤¾à¤¯ का कà¥à¤¯à¥‹à¤‚ हो? अपना वंश आगे चलाने की पà¥à¤°à¤¬à¤² इचà¥à¤›à¤¾ उसके इदय में पà¥à¤°à¤¤à¤¿à¤ªà¤² पà¥à¤°à¤²à¤¿à¤§à¥à¤µà¤£ विदà¥à¤¯à¤®à¤¾à¤¨ रहती है। रजोदरà¥à¤¶à¤¨ के बाद सà¥à¤¤à¥à¤°à¥€-पà¥à¤°à¥à¤· के संसरà¥à¤— से संतान की उतà¥à¤ªà¤¤à¥à¤¤à¤¿ होती है, वंश बेल आगे बढ़ती है, परंतॠकई बार पà¥à¤°à¤•à¥ƒà¤¤à¤¿ विचितà¥à¤° ढंग से इस वंश वà¥à¤¯ की जड़ को हो रोक देती है। डॉकà¥à¤Ÿà¤° लोग कहते हैं कि सà¥à¤¤à¥à¤°à¥€-पà¥à¤°à¥à¤· दोनों में संतान उतà¥à¤ªà¤¨à¥à¤¨ करने की कà¥à¤·à¤®à¤¤à¤¾ है, कोई दोष नहीं फिर à¤à¥€ मकान नहीं होती। पà¥à¤°à¤•à¥ƒà¤¤à¤¿ को लीला विचितà¥à¤° है किसी को कनà¥à¤¯à¤¾ ही कनà¥à¤¯à¤¾ होती है तो कोई पà¥à¤¤à¥à¤° के लिठतरसता है, तो कोई अनेक पà¥à¤¤à¥à¤° होते हà¥à¤ à¤à¥€ पà¥à¤¤à¥à¤°à¥€ को कामना से पीड़ित है। अनेक सजà¥à¤œà¤¨ अपने सà¥à¤¯à¥‹à¤—à¥à¤¯ पà¥à¤¤à¥à¤° को कोरà¥à¤¤à¤¿ से फूले नहीं समाते होने वाली संतान सà¥à¤ªà¥à¤¤à¥à¤° होगी या पà¥à¤¤à¥à¤° विजà¥à¤žà¤¾à¤¨ के पास इनका कोई जवाब नहीं ? जब पति-पतà¥à¤¨à¥€ दोनों में कोई दोष नहीं है संतान कà¥à¤¯à¥‹à¤‚ नहीं हो रही है ? विजà¥à¤žà¤¾à¤¨ के पास इनका à¤à¥€ कोई जवाब नहीं विवाह करने के कितने समय के बाद संतान होगी? कब होगी? व कà¥à¤¯à¤¾ होगी? मृतसतति, अनगरà¥à¤à¤¾à¤¯à¥‹à¤—, कमल संतति इसका जवाब जà¥à¤¯à¥‹à¤¤à¤¿à¤· विजà¥à¤žà¤¾à¤¨ के अतिरिकà¥à¤¤ किसी के पास नहीं है, वसà¥à¤¤à¥à¤¤à¤ƒ संतान पूरà¥à¤µà¤œà¤¨à¥à¤® के संचित पाप और पà¥à¤£à¥à¤¯ के रूप में इस जनà¥à¤® में पà¥à¤°à¤•à¤Ÿ होती है।
इस पà¥à¤¸à¥à¤¤à¤• में इस पà¥à¤°à¤•à¤¾à¤° की सà¤à¥€ शंकाओं, समसà¥à¤¯à¤¾à¤“ं का समाधान दूंढने का पà¥à¤°à¤¯à¤¾à¤¸ किया गया । आपकी कà¥à¤‚डली में कितने पà¥à¤¤à¥à¤°à¥‹à¤‚ का योग है? कितनी कनà¥à¤¯à¤¾à¤à¤‚ होगो ? पà¥à¤°à¤¥à¤® कनà¥à¤¯à¤¾ होगी या पà¥à¤¤à¥à¤° ? आने वाली संतान कपूत होगी या सपूत ? हमने पà¥à¤°à¥‡à¤•à¥à¤Ÿà¤¿à¤•à¤² जीवन में à¤à¤¸à¥‡ अनेक पà¥à¤°à¤¯à¥‹à¤— किठहैं जब डॉकà¥à¤Ÿà¤°à¥‹à¤‚ दà¥à¤µà¤¾à¤°à¤¾ निराश हà¥à¤ पतियों को जà¥à¤¯à¥‹à¤¤à¤¿à¤·à¥€à¤¯ उपाय, रतà¥à¤¨ à¤à¤µà¤‚ मंतà¥à¤° चिकितà¥à¤¸à¤¾ से तेजसà¥à¤µà¥€ पà¥à¤¤à¥à¤° संतान की पà¥à¤°à¤¾à¤ªà¥à¤¤à¤¿ हà¥à¤ˆ है, अत: यह पà¥à¤¸à¥à¤¤à¤• मानवीय सà¤à¥à¤¯à¤¤à¤¾ के लिठअमृत तà¥à¤²à¥à¤¯ औषध है। पंचम à¤à¤¾à¤µ जहां संतान का है वहाठविदà¥à¤¯à¤¾ का à¤à¥€ है, तीन बà¥à¤¦à¥à¤§à¤¿à¤¯à¥‹à¤—, मंदबà¥à¤¦à¥à¤§à¤¿ योग, शारदा योग, दैवजà¥à¤ž योग, कंपà¥à¤¯à¥‚टर शिकà¥à¤·à¤¾ योग इतà¥à¤¯à¤¾à¤¦à¤¿ पर à¤à¥€ चरà¥à¤šà¤¾ विसà¥à¤¤à¤¾à¤° से इस पà¥à¤¸à¥à¤¤à¤• में की गई है, अतः इस पà¥à¤¸à¥à¤¤à¤• का महतà¥à¤¤à¥à¤µ और अधिक बढ़ गया है, अंतरà¥à¤°à¤¾à¤·à¥à¤Ÿà¥à¤°à¥€à¤¯ खà¥à¤¯à¤¾à¤¤à¤¿ पà¥à¤°à¤¾à¤ªà¥à¤¤ विदà¥à¤µà¤¾à¤¨à¥ लेखक पं à¤à¥‹à¤œà¤°à¤¾à¤œ दà¥à¤µà¤¿à¤µà¥‡à¤¦à¥€ की यशसà¥à¤µà¥€ लेखनी से आवदà¥à¤§ पà¥à¤°à¤¸à¥à¤¤à¥à¤¤ शोध मंथ जà¥à¤¯à¥‹à¤¤à¤¿à¤· जगत की अमूलà¥à¤¯ धरोहर है।
Opps
Sorry, it looks like some products are not available in selected quantity.