Hastha Rekhao Ka Gahan Adhyayan Translated By Dr Bhojraj Dwivedi [RP]

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Description

अनुक्रमांक

1. पुस्तक के विषय में 2. दो शब्द

3. विषय प्रवेश

4. परिचय

5. अध्याय-1 पर्वतों का विभाजन

6. अध्याय-2

हाथ की प्रमुख रेखाओं का विश्लेषण

7. अध्याय-3

हाथ रखने का तरीका व आकृति से भविष्य ज्ञान 8. अध्याय-4

रेखाओं की सार्थकता

9. अध्याय-5 रेखाओं से आयु-गणना

10. अध्याय-6

विवाह रेखा

11. अध्याय-7

विवाह रेखा पर निजी अनुभव

पुस्तक के विषय में

संसार में भूत, भविष्य व वर्तमान जानने की जितनी भी विधाएं हैं, उनमें सबसे प्रामाणिक एवं सरल विधा है-हस्तरेखाओं का अध्ययना हस्तरेखाएं सब के हाथों में विद्यमान है, परन्तु वर्तमान पुस्तक उनके अध्ययन को लेकर लिखी गई संसार को सर्वश्रेष्ठ एवं बेजोड़ पुस्तकों में से एक है।

जार्ज विलियम बेन्हम द्वारा यह पुस्तक ईस्वी सन् 1885 में लिखी गई और पहली बार न्यूयार्क में 1900 में प्रकाशित हुई। इस पुस्तक के प्रकाशन पर अमेरिका में खलबली मच गई। ईसाई धर्म को मानने वाला एक ऐसा प्रगतिशील राष्ट्र, जिसमें ज्योतिष एवं प्राचीन भविष्य कथन को विद्याओं को अंश मात्र भी मान्यता नहीं थी। विलियम बेन्हम ने हस्तरेखा अध्ययन को पहली बार वैज्ञानिक प्रारूप दिया व उसके इस अनोखे प्रयास को पहली बार 98% विदेशी जिज्ञासुओं, विद्वानों एवं वैज्ञानिकों ने सराहा। इस पुस्तक ने प्रथम प्रकाशन के पश्चात दुनिया भर के पुस्तकालयों में अपना विशिष्ट स्थान बना लिया। फिर दुनियाँ के कोने-कोने में इस पुस्तक के अनेकों संस्करण प्रकाशित हुआ। यह पुस्तक हस्तरेखा प्रेमियों के लिये एक अनमोल धरोहर बन गई।

तब से लेकर अब तक एक सी पाँच वर्षों का एक बड़ा अन्तराल बीत गया, परन्तु हिन्दी भाषी लोग इस विलक्षण विद्वान् की प्रतिभा के रसास्वादन से वंचित हो थे।

अज्ञातदर्शन के विद्वान् सम्पादक एवं जाने-माने लेखक पं० भोजराज द्विवेदी ने श्रमपूर्वक प्रयास किया और परिणामस्वरूप इस पुस्तक के सर्वप्रथम हिन्दी संस्करण को प्रकाशित करने का सुअवसर हमें प्राप्त हुआ। रेखाएं

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