Hastha Rekhao Ka Gahan Adhyayan Translated By Dr Bhojraj Dwivedi [RP]
Description
अनà¥à¤•à¥à¤°à¤®à¤¾à¤‚क
1. पà¥à¤¸à¥à¤¤à¤• के विषय में 2. दो शबà¥à¤¦
3. विषय पà¥à¤°à¤µà¥‡à¤¶
4. परिचय
5. अधà¥à¤¯à¤¾à¤¯-1 परà¥à¤µà¤¤à¥‹à¤‚ का विà¤à¤¾à¤œà¤¨
6. अधà¥à¤¯à¤¾à¤¯-2
हाथ की पà¥à¤°à¤®à¥à¤– रेखाओं का विशà¥à¤²à¥‡à¤·à¤£
7. अधà¥à¤¯à¤¾à¤¯-3
हाथ रखने का तरीका व आकृति से à¤à¤µà¤¿à¤·à¥à¤¯ जà¥à¤žà¤¾à¤¨ 8. अधà¥à¤¯à¤¾à¤¯-4
रेखाओं की सारà¥à¤¥à¤•à¤¤à¤¾
9. अधà¥à¤¯à¤¾à¤¯-5 रेखाओं से आयà¥-गणना
10. अधà¥à¤¯à¤¾à¤¯-6
विवाह रेखा
11. अधà¥à¤¯à¤¾à¤¯-7
विवाह रेखा पर निजी अनà¥à¤à¤µ
पà¥à¤¸à¥à¤¤à¤• के विषय में
संसार में à¤à¥‚त, à¤à¤µà¤¿à¤·à¥à¤¯ व वरà¥à¤¤à¤®à¤¾à¤¨ जानने की जितनी à¤à¥€ विधाà¤à¤‚ हैं, उनमें सबसे पà¥à¤°à¤¾à¤®à¤¾à¤£à¤¿à¤• à¤à¤µà¤‚ सरल विधा है-हसà¥à¤¤à¤°à¥‡à¤–ाओं का अधà¥à¤¯à¤¯à¤¨à¤¾ हसà¥à¤¤à¤°à¥‡à¤–ाà¤à¤‚ सब के हाथों में विदà¥à¤¯à¤®à¤¾à¤¨ है, परनà¥à¤¤à¥ वरà¥à¤¤à¤®à¤¾à¤¨ पà¥à¤¸à¥à¤¤à¤• उनके अधà¥à¤¯à¤¯à¤¨ को लेकर लिखी गई संसार को सरà¥à¤µà¤¶à¥à¤°à¥‡à¤·à¥à¤ à¤à¤µà¤‚ बेजोड़ पà¥à¤¸à¥à¤¤à¤•à¥‹à¤‚ में से à¤à¤• है।
जारà¥à¤œ विलियम बेनà¥à¤¹à¤® दà¥à¤µà¤¾à¤°à¤¾ यह पà¥à¤¸à¥à¤¤à¤• ईसà¥à¤µà¥€ सनॠ1885 में लिखी गई और पहली बार नà¥à¤¯à¥‚यारà¥à¤• में 1900 में पà¥à¤°à¤•à¤¾à¤¶à¤¿à¤¤ हà¥à¤ˆà¥¤ इस पà¥à¤¸à¥à¤¤à¤• के पà¥à¤°à¤•à¤¾à¤¶à¤¨ पर अमेरिका में खलबली मच गई। ईसाई धरà¥à¤® को मानने वाला à¤à¤• à¤à¤¸à¤¾ पà¥à¤°à¤—तिशील राषà¥à¤Ÿà¥à¤°, जिसमें जà¥à¤¯à¥‹à¤¤à¤¿à¤· à¤à¤µà¤‚ पà¥à¤°à¤¾à¤šà¥€à¤¨ à¤à¤µà¤¿à¤·à¥à¤¯ कथन को विदà¥à¤¯à¤¾à¤“ं को अंश मातà¥à¤° à¤à¥€ मानà¥à¤¯à¤¤à¤¾ नहीं थी। विलियम बेनà¥à¤¹à¤® ने हसà¥à¤¤à¤°à¥‡à¤–ा अधà¥à¤¯à¤¯à¤¨ को पहली बार वैजà¥à¤žà¤¾à¤¨à¤¿à¤• पà¥à¤°à¤¾à¤°à¥‚प दिया व उसके इस अनोखे पà¥à¤°à¤¯à¤¾à¤¸ को पहली बार 98% विदेशी जिजà¥à¤žà¤¾à¤¸à¥à¤“ं, विदà¥à¤µà¤¾à¤¨à¥‹à¤‚ à¤à¤µà¤‚ वैजà¥à¤žà¤¾à¤¨à¤¿à¤•à¥‹à¤‚ ने सराहा। इस पà¥à¤¸à¥à¤¤à¤• ने पà¥à¤°à¤¥à¤® पà¥à¤°à¤•à¤¾à¤¶à¤¨ के पशà¥à¤šà¤¾à¤¤ दà¥à¤¨à¤¿à¤¯à¤¾ à¤à¤° के पà¥à¤¸à¥à¤¤à¤•à¤¾à¤²à¤¯à¥‹à¤‚ में अपना विशिषà¥à¤Ÿ सà¥à¤¥à¤¾à¤¨ बना लिया। फिर दà¥à¤¨à¤¿à¤¯à¤¾à¤ के कोने-कोने में इस पà¥à¤¸à¥à¤¤à¤• के अनेकों संसà¥à¤•à¤°à¤£ पà¥à¤°à¤•à¤¾à¤¶à¤¿à¤¤ हà¥à¤†à¥¤ यह पà¥à¤¸à¥à¤¤à¤• हसà¥à¤¤à¤°à¥‡à¤–ा पà¥à¤°à¥‡à¤®à¤¿à¤¯à¥‹à¤‚ के लिये à¤à¤• अनमोल धरोहर बन गई।
तब से लेकर अब तक à¤à¤• सी पाà¤à¤š वरà¥à¤·à¥‹à¤‚ का à¤à¤• बड़ा अनà¥à¤¤à¤°à¤¾à¤² बीत गया, परनà¥à¤¤à¥ हिनà¥à¤¦à¥€ à¤à¤¾à¤·à¥€ लोग इस विलकà¥à¤·à¤£ विदà¥à¤µà¤¾à¤¨à¥ की पà¥à¤°à¤¤à¤¿à¤à¤¾ के रसासà¥à¤µà¤¾à¤¦à¤¨ से वंचित हो थे।
अजà¥à¤žà¤¾à¤¤à¤¦à¤°à¥à¤¶à¤¨ के विदà¥à¤µà¤¾à¤¨à¥ समà¥à¤ªà¤¾à¤¦à¤• à¤à¤µà¤‚ जाने-माने लेखक पं० à¤à¥‹à¤œà¤°à¤¾à¤œ दà¥à¤µà¤¿à¤µà¥‡à¤¦à¥€ ने शà¥à¤°à¤®à¤ªà¥‚रà¥à¤µà¤• पà¥à¤°à¤¯à¤¾à¤¸ किया और परिणामसà¥à¤µà¤°à¥‚प इस पà¥à¤¸à¥à¤¤à¤• के सरà¥à¤µà¤ªà¥à¤°à¤¥à¤® हिनà¥à¤¦à¥€ संसà¥à¤•à¤°à¤£ को पà¥à¤°à¤•à¤¾à¤¶à¤¿à¤¤ करने का सà¥à¤…वसर हमें पà¥à¤°à¤¾à¤ªà¥à¤¤ हà¥à¤†à¥¤ रेखाà¤à¤‚
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