Gupt Rahasya Anavaran (Spiritual Voyage) by Pandit Harish Chandra Gautam Vassa [MiscP]
Description
मन साधना तथा आधà¥à¤¯à¤¾à¤¤à¥à¤®à¤¿à¤• कà¥à¤·à¥‡à¤¤à¥à¤° में बहà¥à¤¤ सारे अनà¥à¤à¤µà¥‹à¤‚ को जिया है। मेरी शोध की पà¥à¤°à¤µà¥ƒà¤¤à¥à¤¤à¤¿ और आधà¥à¤¯à¤¾à¤¤à¥à¤® तथा गूढ़ रहसà¥à¤¯à¥‹à¤‚ में मेरी रà¥à¤šà¤¿ ने मà¥à¥‡ निरंतर इस कà¥à¤·à¥‡à¤¤à¥à¤° में आगे बढ़ने के लिठपà¥à¤°à¥‡à¤°à¤¿à¤¤ किया महज 13 वरà¥à¤· की उमà¥à¤° से में लगातार इस कà¥à¤·à¥‡à¤¤à¥à¤° में निरंतर शोध कर रहा हूà¤, जिसके दौरान कई नठअनà¥à¤à¤µ तथा रहसà¥à¤¯à¥‹à¤‚ का जà¥à¤žà¤¾à¤¨ हà¥à¤†, वह जà¥à¤žà¤¾à¤¨ तथा अनà¥à¤à¤µ, जिनके विषय में, मैं समà¤à¤¤à¤¾ हूठकि वो वà¥à¤¯à¤•à¥à¤¤à¤¿ के आधà¥à¤¯à¤¾à¤¤à¥à¤®à¤¿à¤• तथा à¤à¤¾à¤¤à¤¿à¤• विकास के लिठसहायक है।
इसलिठमने पूरà¥à¤£ पà¥à¤°à¤¯à¤¤à¥à¤¨ किया है कि इस पà¥à¤¸à¥à¤¤à¤• के माधà¥à¤¯à¤® से में महाकाल और माठà¤à¤—वती दà¥à¤µà¤¾à¤°à¤¾ दिठगठजà¥à¤žà¤¾à¤¨ को आप तक पहà¥à¤‚चा सकू और आपको इन दोनों कà¥à¤·à¥‡à¤¤à¥à¤°à¥‹à¤‚ में सफलता की ओर अगà¥à¤°à¤¸à¤° कर सके ! आशा करता हूठइस पà¥à¤°à¤¥à¤® पà¥à¤°à¤¯à¤¾à¤¸ से मने आपको निराश नहीं किया होगा
à¤à¤• बात, में आप सब से सà¥à¤ªà¤·à¥à¤Ÿ कहना चाहूंगा कि जà¥à¤žà¤¾à¤¨ तवा साधनाओं का उपयोग यदि आप सà¥à¤µà¤¾à¤°à¥à¤¥ à¤à¤¾à¤µ अववा दूसरों का अहित करने के लिठकरेंगे तो आप कà¤à¥€ सफल नहीं होंगे, साथ ही जाने अनजाने अपना अहित à¤à¥€ कर लेंगे और अपने आधà¥à¤¯à¤¾à¤¤à¥à¤®à¤¿à¤• मारà¥à¤— की उनà¥à¤¨à¤¤à¤¿ में à¤à¥€ बाधा उतà¥à¤ªà¤¨à¥à¤¨ करेंगे, इसलिठमैं आप सब से कहना चाहूà¤à¤—ा कृपया शकà¥à¤¤à¤¿à¤¯à¥‹à¤‚, साधनाओं और जà¥à¤žà¤¾à¤¨ का उपयोग सदेव सà¥à¤µà¤•à¤²à¥à¤¯à¤¾à¤£ तथा जनकलà¥à¤¯à¤¾à¤£ में ही करें। ये पà¥à¤¸à¥à¤¤à¤• मेरे सà¥à¤µà¤¾à¤¨à¥à¤à¥‚त शोध तथा अधà¥à¤¯à¤¯à¤¨ पर आधारित है।
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