Graho Ka Rashiphal Vichar by Krishna Kumar [AP]

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Description

ज्योतिष जातक शिक्षा, किया जाता है। ये पुस्तक का विस्तृत विचार किया गया है। जातक की तिथि होने से प्राय में

पुस्तक ज्योतिष प्रेमियों को में पुस्तक को उपयोगी उपभोक्ता की को में किया लिए यदि मेष राशि का सूर्य में हो जानने लिए। मेष राशि का में स्थिति 1.1.3 सूर्य का ऐसा जातक

कहीं विरोधाभास भी है।

शुद्धि पत्र

अध्याय पेश पृष्ठ संख्या

टिप्पणी-कन्या राशिस्थ सूर्य पर अन्य ग्रहों की दृष्टि का फल 613 मिथुन राशि के सूर्य पर अन्य ग्रहों की दृष्टि सरीखा होता।ै कृपया सूर्य पर दृष्टि फल का प्रभाव जानने के लिए 3.13 पृष्ठ 65 देखें।

पार

.2 के बाद

8.13

12.12 के बाद

12.1.3

टिप्पणी-वृश्चिक राशि के सूर्य पर अन्य ग्रहों की दृष्टि का फल मेष राशि के सूर्य पर अन्य ग्रहों की दृष्टि सरीखा होता है। कृपया सूर्य पर दृष्टि का फल जानने के लिए 1.1.3 पृष्ट देखें।

4. टिप्पणी-मीन राशिस्थ सूर्य पर अन्य ग्रहों की दृष्टि का

प्रभाव जानने के लिए 9.1.3 पृष्ठ 227 देखें। ना रहे किसी भी ग्रह पर अन्य ग्रहों की दृष्टि का प्रभाव जानने के लिए दृष्टि ग्रह किस ग्रह के क्षेत्र (किस ग्रह की राशि) में है ये जानना आवश्यक है। अतः मेष वृश्चिक (मंगली क्षेत्री) वृष तुला (शुक क्षेत्री) मिथुन कन्या (बुध क्षेत्री) धनु मीन (गुरु क्षेत्री) मकर कुंभ (शनि क्षेत्री) में स्थित ग्रह अन्य ग्रहों से दृष्टि पाकर राष्ट्रीयता का फल देते हैं। यही बात ऊपर की टिप्पणी में दर्शायी गई है।

विषय सूची

अध्याय 6 का 3 पक्ति दूसरी 6.1.3 के स्थान पर 3.J.3 (63) पढ़ें। अध्याय 8 का 3 पक्ति दूसरी 8.1.3 के स्थान पर 1.1.3 (1)

पढ़ें। अध्याय 11 कालम 5 पंक्ति दूसरी 11.1.3 के स्थान पर 1013254 पढ़ें। अध्याय 12 कालम 3 पक्ति दूसरी 12.1.3 के स्थान पर 9.1.3 (227) पढ़ें।

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