Grahayog Sanshepika by Mridula Trivedi / T.P.Trivedi [AP]

₹400.00
availability: In Stock

  • Colour
  • Size

Description

पुरोवाक्

ग्रह योग की महत्ता का अनुमान कोई प्रबुद्ध ज्योतिष प्रेमी ही लगा सकता है। कितने ही जन्मांगों का गहन विश्लेषण करने पर भी, उनके मध्य सन्निहित मर्म को तब तक नहीं जाना जा सकता है जब तक हमें ग्रहयोगों और उनके परिणाम का सम्यक् ज्ञान न हो। डॉ. राधाकृष्णन, पं. जवाहर लाल नेहरू, महात्मा गाँधी, डा. राजेन्द्र प्रसाद आदि के अत्यन्त साधारण दिखने वाले जन्मांगों का रहस्य ग्रहयोगों के संज्ञान के अभाव में कदापि स्पष्ट नहीं हो सकता है। वस्तुतः ग्रहयोग ज्योतिष शास्त्र की आत्मा है। इस तथ्य को जितना अधिक गहराई के साथ समझा जाएगा, वह उतना ही कल्याणकारी, लाभकारी, उपयोगी और सटीक भविष्य कथन करने हेतु सरिता के प्रबल सेतु के समतुल्य होगा। ग्रह योगों की उपेक्षा करके, जन्मांग में छिपे रहस्य को कदापि नहीं जाना जा सकता है चाहे ग्रह स्थितियों, उनके बलावल, उनकी दृष्टि, युति, स्वामित्व, नक्षत्र, राशि, भाव आदि की कितनी भी व्याख्या और गणना की जाए। कई ज्योतिर्विदों से ग्रह योग पर चर्चा हुई, तो अन्यान्य भ्रम और प्रांतियों सामने आई। जिनका यदि हम यहाँ उनका उल्लेख करें, तो समय ही नष्ट करना होगा। ग्रहों का अपनी उच्च या नीच राशि में स्थित होना, अनुकूल फल प्रदान

करेगा या प्रतिकूल, यह ग्रहयोगों पर निर्भर करता है। हमने अपने विविध शोध ग्रन्थों में बार-बार इस सत्य को रेखांकित किया है कि जिन जन्मांगों में छह ग्रह भी अपनी उच्च राशि में स्थित हैं, वह नितान्त सामान्य जीवन व्यतीत कर रहे हैं। इसी प्रकार कुछ ऐसे भी व्यक्ति हैं, जिनके जन्मांगों में अनेक नीच राशिस्थ ग्रह हैं या उनका जन्मांग देखने में अत्यन्त साधारण दृष्टिगत हो रहा

Reviews

No reviews have been written for this product.

Write your own review

Opps

Sorry, it looks like some products are not available in selected quantity.

OK