Gomed By Jagadish Sharma [Hindi] [MiscP]
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Description
जà¥â€à¤¯à¥‹à¤¤à¤¿à¤· के आधार पर रतà¥â€à¤¨à¥‹à¤‚ का चयन और उनकी धारणविधि बहà¥à¤¤ ही महतà¥â€à¤µà¤ªà¥‚रà¥à¤£ है। जो पà¥à¤°à¤•à¥ƒà¤¤à¤¿ विष बनाती है वही अमृत à¤à¥€ बनाती है। अत कौन-सा रतà¥â€à¤¨ धारण करना उपयोगी और फलदायी है, कौन-सा कषà¥â€à¤Ÿà¤•à¤¾à¤°à¤• बन सकता है, यह जà¥â€à¤¯à¥‹à¤¤à¤¿à¤· विजà¥à¤žà¤¾à¤¨ की सहायता से पता लगाया जा सकता है। कौन-सी राशि का वà¥â€à¤¯à¤•à¥à¤¤à¤¿ कौन-से रतà¥â€à¤¨ धारण करे, यह इस पà¥à¤¸à¥â€à¤¤à¤• से अतà¥à¤¯à¤‚त सà¥à¤—म हो जायेगा। इस पà¥à¤¸à¥â€à¤¤à¤• के लेखक हैं जà¥â€à¤¯à¥‹à¤¤à¤¿à¤· के पà¥à¤°à¤•à¤¾à¤£à¥â€à¤¡ पंडिणà¥â€à¤¤ राधाकृषà¥â€à¤£ शà¥à¤°à¥€à¤®à¤¾à¤²à¥€, जिनà¥â€à¤¹à¥‹à¤‚ने इस विषय का गहन अधà¥â€à¤¯à¤¯à¤¨ किया है।Â
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यह सतà¥à¤¯ है कि न धारण करने से अनेक असाधà¥à¤¯ रोग
व बीमारियां मिट जाती हैं। दà¥à¤°à¥à¤à¤¾à¤—à¥à¤¯ को सौà¤à¤¾à¤—à¥à¤¯ में बदला जा सकता है। पà¥à¤°à¤¤à¤¿à¤•à¥‚ल गà¥à¤°à¤¹-गोचरों को अनà¥à¤•à¥‚ल बनाया जा सकता है। अरà¥à¤¥à¤¾à¤¤ सà¤à¥€ पà¥à¤°à¤•à¤¾à¤° की उनà¥à¤¨à¤¤à¤¿ के लिठरतà¥à¤¨ धारण करना अतà¥à¤¯à¤‚त शà¥à¤°à¥‡à¤¯à¤¸à¥à¤•à¤° माना जाता है। लरà¥à¤¨ हमें शà¥à¤-अशà¥à¤ कारà¥à¤¯ होने का पूरà¥à¤µà¤¾à¤¨à¥à¤®à¤¾à¤¨ à¤à¥€ कराते हैं । ये रतà¥à¤¨ जाति, धरà¥à¤®, संपà¥à¤°à¤¦à¤¾à¤¯ से हटकर सà¤à¥€ मानव को अपनी तरफ आकरà¥à¤·à¤¿à¤¤ करते हैं। नौ रतà¥à¤¨à¥‹à¤‚ में 'गोमेद' का सà¥à¤¥à¤¾à¤¨ महतà¥à¤µà¤ªà¥‚रà¥à¤£ बताया गया है। मानवीय जीवन पर इसका पà¥à¤°à¤à¤¾à¤µ बड़ा ही विचितà¥à¤° होता है। यदि धारणकरà¥à¤¤à¤¾ को सूट किया तो दर-दर ठोकरें खाने वाले को राजमहल में पहà¥à¤‚चा दे। यदि सूट नहीं किया तो सिंहासन पर से उतरवाकर जंगल-जंगल à¤à¤Ÿà¤•à¤¾ दे, समà¤à¤¿à¤ उसे ही गोमेद कहते हैं। पं. नेहरू, इंदिरा
गांधी गोमेद के ही कृपापातà¥à¤° रहे हैं तमाम रोगों में तो यह
औषधि का कारà¥à¤¯ करता है। यह तंतà¥à¤°-मंतà¥à¤°à¥‹à¤‚ की सिदà¥à¤§à¤¿à¤¯à¤¾à¤‚ व
अलौकिक शकà¥à¤¤à¤¿à¤¯à¥‹à¤‚ का पà¥à¤°à¤¦à¤¾à¤¤à¤¾ होता है।
व बीमारियां मिट जाती हैं। दà¥à¤°à¥à¤à¤¾à¤—à¥à¤¯ को सौà¤à¤¾à¤—à¥à¤¯ में बदला जा सकता है। पà¥à¤°à¤¤à¤¿à¤•à¥‚ल गà¥à¤°à¤¹-गोचरों को अनà¥à¤•à¥‚ल बनाया जा सकता है। अरà¥à¤¥à¤¾à¤¤ सà¤à¥€ पà¥à¤°à¤•à¤¾à¤° की उनà¥à¤¨à¤¤à¤¿ के लिठरतà¥à¤¨ धारण करना अतà¥à¤¯à¤‚त शà¥à¤°à¥‡à¤¯à¤¸à¥à¤•à¤° माना जाता है। लरà¥à¤¨ हमें शà¥à¤-अशà¥à¤ कारà¥à¤¯ होने का पूरà¥à¤µà¤¾à¤¨à¥à¤®à¤¾à¤¨ à¤à¥€ कराते हैं । ये रतà¥à¤¨ जाति, धरà¥à¤®, संपà¥à¤°à¤¦à¤¾à¤¯ से हटकर सà¤à¥€ मानव को अपनी तरफ आकरà¥à¤·à¤¿à¤¤ करते हैं। नौ रतà¥à¤¨à¥‹à¤‚ में 'गोमेद' का सà¥à¤¥à¤¾à¤¨ महतà¥à¤µà¤ªà¥‚रà¥à¤£ बताया गया है। मानवीय जीवन पर इसका पà¥à¤°à¤à¤¾à¤µ बड़ा ही विचितà¥à¤° होता है। यदि धारणकरà¥à¤¤à¤¾ को सूट किया तो दर-दर ठोकरें खाने वाले को राजमहल में पहà¥à¤‚चा दे। यदि सूट नहीं किया तो सिंहासन पर से उतरवाकर जंगल-जंगल à¤à¤Ÿà¤•à¤¾ दे, समà¤à¤¿à¤ उसे ही गोमेद कहते हैं। पं. नेहरू, इंदिरा
गांधी गोमेद के ही कृपापातà¥à¤° रहे हैं तमाम रोगों में तो यह
औषधि का कारà¥à¤¯ करता है। यह तंतà¥à¤°-मंतà¥à¤°à¥‹à¤‚ की सिदà¥à¤§à¤¿à¤¯à¤¾à¤‚ व
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