Dampatya Sukh by Dr Sukhdev Chaturvedhi [RP]
Description
शासà¥à¤¤à¥à¤° का विषय सूकà¥à¤·à¥à¤® और गहन है, इसका पà¥à¤°à¤¯à¥‹à¤œà¤¨ à¤à¤µà¤¿à¤·à¥à¤¯ की पटनाओं का परिचय कराना ही नहीं, अपितॠपरिचय देकर लाठकराना à¤à¥€ है। जीवन में हम अनेक लोगों के समà¥à¤ªà¤°à¥à¤• में आते हैं। माता-पिता के पशà¥à¤šà¤¾à¤¤ वà¥à¤¯à¤•à¥à¤¤à¤¿ का निकटतम समà¥à¤¬à¤¨à¥à¤§ पतà¥à¤¨à¥€ के साथ रहता है, इस समà¥à¤¬à¤¨à¥à¤§ का पà¥à¤°à¤à¤¾à¤µ केवल मनà¥à¤·à¥à¤¯ के जीवन तक ही नहीं, अपितॠउसके वंश की आगामी कई पीढ़ियों तक चलता है, कà¥à¤¯à¥‹à¤‚कि सनà¥à¤¤à¤¾à¤¨ परंपरा में पूरà¥à¤µà¤œà¥‹à¤‚ के
गà¥à¤£-दोष किसी न किसी रूप में विदà¥à¤¯à¤®à¤¾à¤¨ रहते हैं। दामà¥à¤ªà¤¤à¥à¤¯ जीवन सà¥à¤–मय रहेगा या दà¥à¤ƒà¤–मय, और इसे कैसे सà¥à¤–मय बनाया जा सकता है, यह पà¥à¤°à¤¶à¥à¤¨ à¤à¤• गमà¥à¤à¥€à¤° चà¥à¤¨à¥Œà¤¤à¥€ के रूप में à¤à¤¾à¤°à¤¤à¥€à¤¯ जन-मानस को आनà¥à¤¦à¥‹à¤²à¤¿à¤¤ करता रहा है। जà¥à¤¯à¥‹à¤¤à¤¿à¤· शासà¥à¤¤à¥à¤° के मनीषी आचारà¥à¤¯à¥‹à¤‚ ने पà¥à¤°à¤¾à¤šà¥€à¤¨ काल में ही इस पà¥à¤°à¤¶à¥à¤¨ का à¤à¤²à¥€ à¤à¤¾à¤à¤¤à¤¿ विचार किया था और उनà¥à¤¹à¥‹à¤‚ने सà¥à¤–मय दामà¥à¤ªà¤¤à¥à¤¯ जीवन के लिठउपयà¥à¤•à¥à¤¤ वर-वधू का चà¥à¤¨à¤¾à¤µ, उनके गà¥à¤£ दोषों का विचार, उनकी पà¥à¤°à¤•à¥ƒà¤¤à¤¿ à¤à¤µà¤‚ अà¤à¤¿à¤°à¥à¤šà¤¿à¤¯à¥‹à¤‚ में समानता की पहचान तथा उनके आपसी पूरकतà¥à¤¤à¥à¤µ à¤à¤¾à¤µ का पृथकà¥-पृथकॠरूप से गमà¥à¤à¥€à¤°à¤¤à¤¾à¤ªà¥‚रà¥à¤µà¤• विचार कर उन सिदà¥à¤§à¤¾à¤‚तों à¤à¤µà¤‚ नियमों का पà¥à¤°à¤¤à¤¿à¤ªà¤¦à¤¾à¤¨ किया जिनके दà¥à¤µà¤¾à¤°à¤¾ न केवल दामà¥à¤ªà¤¤à¥à¤¯ समà¥à¤¬à¤¨à¥à¤§à¥‹à¤‚ का ही, अपितॠदामà¥à¤ªà¤¤à¥à¤¯ जीवन के समसà¥à¤¤ पहलà¥à¤“ं को सरलतापूरà¥à¤µà¤• जानकर समाधान किया जा सके। आचारà¥à¤¯à¥‹à¤‚ दà¥à¤µà¤¾à¤°à¤¾ पà¥à¤°à¤¤à¤¿à¤ªà¤¾à¤¦à¤¿à¤¤ उकà¥à¤¤ सिदà¥à¤§à¤¾à¤¨à¥à¤¤ का विवेचन जà¥à¤¯à¥‹à¤¤à¤¿à¤· शासà¥à¤¤à¥à¤°
के पà¥à¤°à¤¸à¤¿à¤¦à¥à¤§ जातक à¤à¤µà¤‚ पà¥à¤°à¤¶à¥à¤¨ गà¥à¤°à¤¨à¥à¤¥à¥‹à¤‚ में किया गया है, किनà¥à¤¤à¥ ये सà¤à¥€ गà¥à¤°à¤¨à¥à¤¥
संसà¥à¤•à¥ƒà¤¤ à¤à¤¾à¤·à¤¾ में लिखे होने से जन-साधारण की पहà¥à¤à¤š से काफी दूर हैं,
Â
पà¥à¤°à¤¥à¤® अधà¥à¤¯à¤¾à¤¯-विषय पà¥à¤°à¤µà¥‡à¤¶
9-16
वरà¥à¤¤à¤®à¤¾à¤¨ में पà¥à¤°à¤šà¤²à¤¿à¤¤ जà¥à¤¯à¥‹à¤¤à¤¿à¤· समà¥à¤¬à¤¨à¥à¤§à¥€ शासà¥à¤¤à¥à¤° पà¥à¤°à¤¯à¥‹à¤—ों की चà¥à¤šà¤¾| जनà¥à¤® कà¥à¤£à¥à¤¡à¤²à¥€ ठीक होनी चाहिà¤, विना कà¥à¤£à¥à¤¡à¤²à¥€ केवल नाम राशि अथवा नकà¥à¤·à¤¤à¥à¤° से à¤à¤µà¤¿à¤·à¥à¤¯ जà¥à¤žà¤¾à¤¨ संदिगà¥à¤¯, दमà¥à¤ªà¤¤à¥à¤¤à¤¿ विचार। 17-36
दà¥à¤µà¤¿à¤¤à¥€à¤¯ अधà¥à¤¯à¤¾à¤¯-दमà¥à¤ªà¤¤à¥à¤¤à¤¿ विचार :
विवाह के लिठउपयà¥à¤•à¥à¤¤ वर का चà¥à¤¨à¤¾à¤µ, वरणीय लड़के के गà¥à¤£ à¤à¤µà¤‚ दो, पà¥à¤°à¤®à¥à¤– गà¥à¤£ अचà¥à¤›à¤¾ सà¥à¤µà¤¾à¤¸à¥à¤¥à¥à¤¯, अचà¥à¤›à¥€ शिकà¥à¤·à¤¾, उतà¥à¤¤à¤® चरितà¥à¤°, अचà¥à¤›à¤¾ à¤à¤¾à¤—à¥à¤¯, दीरà¥à¤˜à¤¾à¤¯à¥ योग à¤à¤µà¤‚ संतान योग कà¥à¤£à¥à¤¡à¤²à¤¿à¤¯à¥‹à¤‚ के उदाहरण सहित।
तृतीय अधà¥à¤¯à¤¾à¤¯-वर की कà¥à¤‚डली के पà¥à¤°à¤®à¥à¤– दोष : 37-50
कà¥à¤› à¤à¤¸à¥‡ योगों का वरà¥à¤£à¤¨, अलà¥à¤ªà¤¾à¤¯à¥ योग, रोगी योग, नंपà¥à¤¸à¤• योग, वà¥à¤¯à¤à¤¿à¤šà¤¾à¤°à¥€ योग, दरिदà¥à¤°à¥€ योग, संनà¥à¤¯à¤¾à¤¸à¥€, विचार à¤à¤µà¤‚ बहॠविवाह योग। उदाहरणारà¥à¤¥ कà¥à¤£à¥à¤¡à¤²à¥€ शà¥à¤°à¥€ अरविनà¥à¤¦ सà¥à¤µà¤¾à¤®à¥€, सà¥à¤µà¤¾à¤®à¥€ विवेकाननà¥à¤¦ à¤à¤µà¤‚ à¤à¤• à¤à¤¸à¥€ कà¥à¤£à¥à¤¡à¤²à¥€ जो सनà¥à¤¤à¤¾à¤¨à¤¹à¥€à¤¨à¤¤à¤¾ दरà¥à¤¶à¤¾à¤¤à¥€ है।
चतà¥à¤°à¥à¤¥ अधà¥à¤¯à¤¾à¤¯-विवाह के योगà¥à¤¯ वधॠका चà¥à¤¨à¤¾à¤µ : 51-59
कनà¥à¤¯à¤¾ के पà¥à¤°à¤®à¥à¤– गà¥à¤£, अचà¥à¤›à¤¾ सà¥à¤µà¤¾à¤¸à¥à¤¥à¥à¤¯, शालीन सà¥à¤µà¤à¤¾à¤µ, अचà¥à¤›à¤¾ à¤à¤¾à¤—à¥à¤¯, समà¥à¤šà¤¿à¤¤ शिकà¥à¤·à¤¾, पतिवà¥à¤°à¤¤à¤¾ योग, सनà¥à¤¤à¤¾à¤¨ सà¥à¤– आदि। पंचम अधà¥à¤¯à¤¾à¤¯-वà¥à¤°à¤£à¥€à¤¯ कनà¥à¤¯à¤¾ की कà¥à¤‚डली के पà¥à¤°à¤®à¥à¤– दोष : 60-80 अरिषà¥à¤Ÿ योग, रोगिणी, चरितà¥à¤° की कमजोरी, दरिदà¥à¤°à¤¤à¤¾, मृतवतà¥à¤¸à¤¾ योग विधवा, बनà¥à¤§à¥à¤¯à¤¾, काक वनà¥à¤§à¥à¤¯à¤¾ योग, विष कनà¥à¤¯à¤¾ योग à¤à¤µà¤‚ इ दà¥à¤·à¥à¤ªà¤°à¤¿à¤£à¤¾à¤®à¥‹à¤‚ से बचने के उपाय।
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