Chandrakala Nadi by J N Bhasin [RP]

₹80.00
availability: In Stock

  • Colour
  • Size

Description

एक दृष्टि में

नाड़ी के अंशों का स्वरूप और उनका महत्त्व लाभेश सदा पापी नहीं होता पिता का विचार नवम से या दशम से लग्न और धन की प्रचुरता, नीच भंग राजयोग

परायी घटनाओं से निज फल-ज्ञान निज कुण्डली सम्बन्धियों की जन्म-लग्न यमल (Twins) योग, एन्द्र योग, अधियोग, मातंग योग, काहल योग, शकट योग भंग,

बुध शुक्र फलदाता, शुक्र रूप का प्रतीक, राहु की दशा अथवा भुक्ति में बंटवारा-कारक चतुर्थ भाव और दंगा-फसाद, पत्नी कैसी ?

शनि बलवान हो तो जीवन में दुःख कम, भारत की राशि मकर-कन्या नहीं; अनिष्टकारी ग्रहों की शान्ति का उपाय, सन्तानोत्पत्ति में बाधक ग्रहों की शान्ति, पापी प्रभाव का प्रतिकार, रविवार-व्रत, अरिष्ट में चांदी की चन्द्र-मूर्ति का दान, अनेक अशुभ योग होने पर भी एक ही धनप्रद योग

Reviews

No reviews have been written for this product.

Write your own review

Opps

Sorry, it looks like some products are not available in selected quantity.

OK