Bhagya Triveni By Cheiro [RP]

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Description

कीरो की यह पुस्तक

विश्वविख्यात न्योतिपी कीरो काउंट लाई है 'कीरो की सबसे अधिक प्रसिद्धि सामुद्रिक शास्त्र के विशेषज्ञ के रूप में । हस्तरेखा शास्त्र विशेषज हम इसलिए नहीं कह रहे, क्योंकि हस्तरेखा शास्त्र से केवल हाथ या हयेली की रेवाओं के मायने का भान होता है जबकि सामुद्रिक शास्त्र में हस्त रचना (कीरोनोमी) और हस्तरेखा (कीरो मानसी) दोनों का समा बेण है। कीरो इदोगों को ही समान महत्व प्रदान करते थे। किन्नु सामुद्रिक शास्त्र के विशेषज्ञ होने के साथ साथ महा ज्योतिष के अन्य अंगों में, विशेपुर ज्योतिष में भी पारंगत में । अंकों को वह ग्रह का प्रतिनिधि मानते थे। उदाहरण के लिए अंक 1 सूर्य का, अब 2 चंद्र का, अंक 3 गुरु का, अंक 4 यूरेनस फा, अंक 5 बुध का, अक 6 शक्र का, अंक 7 नेपच्यून का, अंक 8 शनि का और अंक 9 मंगल का प्रतिनिधित्व करते हैं । इस प्रकार सप्ताह का प्रत्येक दिन भी किसी-न-किसी के प्रभाव में हुआ। इसगी प्रकाश वर्ष के 12 मास भी विभिन्न अंकों के प्रभाव में है। कीरो का विश्वास था कि अंकों का संपादन प्रतिज्ञा हमारे जीवन में महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है और

उसकी काल-धारा को भूत, वर्तमान, भविष्य से नियन्त्रित करता है। कीरो से पूर्व पश्चिमी देनों में इन बिद्याजी को अंधविश्वास का अंग समझा

जाता था और भविष्यवक्ताओं को सम्मान की दृष्टि से नहीं देखा जाता था। ईसाई धर्म विशेष रूप में ज्योतिष का विरोधी था। इसका प्रचलन प्रायः जिप्सी और रोमा जैसी घुमक्कड़ जातियों तक ही सीमित था कीरो को इसका श्रेय है कि उन्होंने ज्योतिष को अंधविश्वास के कारागार से मुक्त किया और उसे अग्प विशाल के समकक्ष बैठाकर एक सम्मानजनक स्थान प्रदान किया। ऐसा उनको अनेक चमत्कारी भविष्यवाणियों के कारण ही सम्भव हो सका। इन भविष्य बालों के पीछे सिद्धि तो थी ही, वैज्ञानिक दृष्टिकोण भी कम न था। कीरो ने भारत में वर्षों रहकर इस विद्या का गहन अध्ययन किया और अनेक दुर्लभ पांडुलिपियों का अवलोकन किया। उन्होंने हजारों वर्ष पूर्व के खादी तथा हिब्रू वासियों के तत्सम्बन्धी ज्ञान का भी मंथन किया और इस विद्या की वैज्ञानिकता से विश्वस्त होकर इसे एक नया रूप प्रदान किया। इस प्रकार उन्होंने जो ज्ञान प्राप्त किया, उसे छिपाया नहीं, बल्कि अनेक पुस्तकें लिखी जन सामान्य के लिए मुलभ कर दिया। इससे ज्योतिष के नए वैज्ञानिक अध्ययन का मार्ग प्रशस्त हुआ। बह विद्या कितना विकास प्राप्त कर चुकी है, इसका सबसे बड़ा प्रमाण यह है कि अधिकार पत्र-पत्रिकाएं आज अपनी लोकप्रियता बढ़ाने के लिए ज्योतिष का

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