Anko Mein Chupa Bhavishya by Cheiro [RP]

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Description

एक दृष्टि में

के अनुसार हमारी पृथ्वी के सौर मण्डल में चक्कर लगा रहे ग्रहों की संख्या नौ है। सूर्य, तारा और चन्द्र पृथ्वी का उपग्रह होते ज्योतिषियों ने उन्हें

ग्रहों में सम्मिलित किया है। ज्योतिष की सम्पूर्ण गणना पृथ्वी को स्थिर केन्द्र मानकर की जाती है, अतः पृथ्वी को ग्रहों में सम्मिलित नहीं करते।

हमारे पूर्वजों को नंगी से दिखाई दे वाले सात ग्रहों का ज्ञान था। सूर्य, चन्द्र, मंगल, बुध, गुरु, शुक्र तथा बाद में नए वैज्ञानिक उपकरणों की सहायता वैज्ञानिकों ने तीन और निकाले हैं-यूरेनस, प्लूटो। के में यूरेनस तथा सम्मिलित हैं, प्लूटो नहीं। हमारे देश में नवग्रहों में पूरेनस तथा नेप्चून के स्थान पर एक छाया ग्रह राहु तथा केतु सम्मिलित किए जाते रहे हैं। नवग्रह पूजन में इन दोनों ग्रहों की भी पूजा होती है।

मूलांक या एकल की संख्या भी नौ ही है। एक से नी इससे बड़ी किसी भी राशि को उसके को कर मूलांक में बदला जा सकता

है। इस प्रकार 10 का मूलांक 1 हुआ, 11 का 21 कीरो के अनुसार सभी जन्मतिथियों को एक मूलांक में जा सकता है। इसी प्रकार हर ग्रह एक के प्रभाव में है। सूर्य के लिए 1, चंद्र के लिए 2, मंगल के लिए 9, बुध के लिए 5, गुरु के लिए 3, शुक्र के लिए 6, शनि के लिए 8, यूरेनस के लिए 4 और के लिए 7 मूलांक

निर्धारित किए गए हैं।

हर सौर मास एक ग्रह के प्रभाव में है। सूर्य और चन्द्र एक-एक मास को तथा मंगल, बुध, गुरु, शुक्र और शनि दो-दो मासों को प्रभावित करते हैं।

यूरेनस तथा किसी मास को प्रभावित नहीं करते, किन्तु यूरेनस को सूर्य के और नेपच्यून को चन्द्र के साथ संयुक्त किया गया है। ग्रह और ये अंक हमारी धरती के सम्पूर्ण जीवन को नियन्त्रित करते हैं, मानव का हजारों वर्षों से ऐसा विश्वास रहा इसी विश्वास ने ज्योतिष

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