दशा-फल रहसà¥à¤¯ (SECRETS OF VIMSHOTTARI)
Description
दो शबà¥à¤¦
योगà¥à¤¯ गà¥à¤°à¤¨à¥à¤¥à¤•à¤°à¥à¤¤à¤¾ ने दशाफल में परम उपयोगी गà¥à¤°à¤¹à¥‹à¤‚ के सà¥à¤µà¤°à¥‚प को विशà¥à¤¦à¥à¤§ रूप में देकर पà¥à¤¸à¥à¤¤à¤• का पà¥à¤°à¤¾à¤°à¤®à¥à¤ किया है। फिर गणित दà¥à¤µà¤¾à¤°à¤¾ दशा-अनà¥à¤¤à¤°à¥à¤¦à¤¶à¤¾ आदि की बà¥à¤¦à¥à¤§à¤¿ का सिदà¥à¤§à¤¾à¤‚त तथा सारिणी देकर तथा चनà¥à¤¦à¥à¤° सà¥à¤ªà¤·à¥à¤Ÿ से सीचे ही दशा के शेष वरà¥à¤·à¤¾à¤¦à¤¿ निकालने की सारिणी को देकर पाठकों के पà¥à¤°à¤¯à¤¾à¤¸ को बहà¥à¤¤ हद तक कम कर दिया है। विंशोतà¥à¤¤à¤°à¥€ दशा का पà¥à¤°à¤¯à¥‹à¤— महरà¥à¤·à¤¿ पराशर के कारक-मारक सिदà¥à¤§à¤¾à¤¨à¥à¤¤à¥‹à¤‚ को समà¤à¥‡ बिना असमà¥à¤à¤µ है। अतः यह सिदà¥à¤§à¤¾à¤¨à¥à¤¤ पà¥à¤°à¤¤à¥à¤¯à¥‡à¤• लगà¥à¤¨ के लिठदेकर पà¥à¤¸à¥à¤¤à¤• की उपयोगिता को बढ़ाया है। दशा का फल यदि à¤à¤• लगà¥à¤¨ के बजाय दो लगà¥à¤¨à¥‹à¤‚ से देखा जाय तो उसमें निशà¥à¤šà¤¯ आ जाता है। अतः इस उदà¥à¤¦à¥‡à¤¶à¥à¤¯ से समà¥à¤¬à¤¨à¥à¤§à¤¿à¤¤ सà¥à¤¦à¤°à¥à¤¶à¤¨ पदà¥à¤§à¤¤à¤¿ में "दैवी" और आसà¥à¤°à¥€" वरà¥à¤—ीकरण से सोदाहरण विषय को सà¥à¤ªà¤·à¥à¤Ÿ किया है पà¥à¤¨à¤ƒ à¤à¥à¤•à¥à¤¤à¤¿à¤¨à¤¾à¤¯ तथा दशानाथ के जितने सà¥à¤µà¤°à¥‚प, समà¥à¤¬à¤¨à¥à¤§ तथा सà¥à¤¥à¤¿à¤¤à¤¿à¤¯à¤¾à¤‚ समà¥à¤à¤µ थीं-सà¤à¥€ का सोदाहरण विशद वरà¥à¤£à¤¨ देकर दशा को कà¥à¤°à¤¿à¤¯à¤¾à¤¤à¥à¤®à¤• रूप से लाà¤à¤ªà¥à¤°à¤¦ बना दिया है। पà¥à¤¨à¤¶à¥à¤š जà¥à¤¯à¥‹à¤¤à¤¿à¤· के मौलिक तथा आवशà¥à¤¯à¤• नियमों पर पराशर, बराह, मनà¥à¤¤à¥à¤°à¥‡à¤¶à¥à¤µà¤° आदि आचारà¥à¤¯à¥‹à¤‚ की समà¥à¤®à¤¤à¤¿ देकर तथा निज निरà¥à¤®à¤¿à¤¤ संसà¥à¤•à¥ƒà¤¤ शà¥à¤²à¥‹à¤• देकर विषय को सà¥à¤¸à¥à¤ªà¤·à¥à¤Ÿ किया है। इसके अननà¥à¤¤à¤° गà¥à¤°à¤¨à¥à¤¥à¤•à¤°à¥à¤¤à¤¾ ने विशà¥à¤µà¤¸à¤¨à¥€à¤¯ कà¥à¤£à¥à¤¡à¤²à¤¿à¤¯à¥‹à¤‚ के आधार पर विविध घटनाओं के घटित होने वाले दिन को दशा तथा गोचर दोनों के पà¥à¤°à¤¯à¥‹à¤— से सिदà¥à¤§ किया है और अनà¥à¤¤ में दरà¥à¤¶à¤¾à¤¯à¤¾ है कि विंशोतà¥à¤¤à¤°à¥€ दशा सदा सरà¥à¤µà¤¤à¥à¤° à¤à¤• सी है इसमें शà¥à¤•à¥à¤² पकà¥à¤· या कृषà¥à¤£ पकà¥à¤· में जनà¥à¤® से कोई अनà¥à¤¤à¤° नहीं पड़ता। इस बात की सिदà¥à¤§à¤¿ में शà¥à¤°à¥€à¤®à¤¤à¥€ इनà¥à¤¦à¤¿à¤°à¤¾ गांधी की जनà¥à¤® कà¥à¤£à¥à¤¡à¤²à¥€ को आधार मानकर सिदà¥à¤§à¤¾à¤¨à¥à¤¤ निशà¥à¤šà¤¿à¤¤ किया है। आशा है, पाठक पà¥à¤°à¤¸à¥à¤¤à¥à¤¤ पà¥à¤¸à¥à¤¤à¤• का आदर करेंगे।
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विषय सूची
गà¥à¤°à¤¹à¥‹à¤‚ का सà¥à¤µà¤°à¥‚प : गà¥à¤£-दोष तथा कारकतà¥à¤µ कलह, पृथकता तथा बाहà¥à¤²à¥à¤¯ कारक सूरà¥à¤¯ : धनाढà¥à¤¯à¤¤à¤¾, चिनà¥à¤¤à¤¾ à¤à¤µà¤‚ दरिदà¥à¤°à¤¤à¤¾ दायक चनà¥à¤¦à¥à¤° : हिंसक मंगल : सातà¥à¤µà¤¿à¤• बà¥à¤§ : बृहसà¥à¤ªà¤¤à¤¿ कनà¥à¤¯à¤¾ सनà¥à¤¤à¤¤à¤¿ दाता कब ? विषयासकà¥à¤¤à¤¿ कारक शà¥à¤•à¥à¤° : शनि रोगकारक कब ? फल गणना के लिठआवशà¥à¤¯à¤• बारह नियम।
2 दशा गणित : महादशा आदि के वरà¥à¤·-गà¥à¤°à¤¹à¥‹à¤‚ की महादशा व उसका शासन काल : विंशोतà¥à¤¤à¤°à¥€ का सà¥à¤µà¤°à¥‚प और उसमें गà¥à¤°à¤¹à¥‹à¤‚ का कà¥à¤°à¤® : दशा का आधार : चनà¥à¤¦à¥à¤°à¤®à¤¾ की नकà¥à¤·à¤¤à¥à¤° सà¥à¤¥à¤¿à¤¤à¤¿ : अनà¥à¤¤à¤°à¥à¤¦à¤¶à¤¾ तथा à¤à¥à¤•à¥à¤¤à¤¿-दोनों समानारà¥à¤¥à¤• विविध महादशाओं में विविध à¤à¥à¤•à¥à¤¤à¤¿à¤¯à¥‹à¤‚ के वरà¥à¤·à¥¤
अधà¥à¤¯à¤¾à¤¯ 3
महरà¥à¤·à¤¿ पराशर के अनà¥à¤¸à¤¾à¤° दशा-पदà¥à¤§à¤¤à¤¿-गà¥à¤°à¤¹à¥‹à¤‚ का चार शà¥à¤°à¥‡à¤£à¤¿à¤¯à¥‹à¤‚ में विà¤à¤¾à¤œà¤¨ तथा उन-उन शà¥à¤°à¥‡à¤£à¤¿à¤¯à¥‹à¤‚ में फलः पृथकॠपृथकॠलगà¥à¤¨ वालों के लिठपà¥à¤°à¤¤à¥à¤¯à¥‡à¤• गà¥à¤°à¤¹ की सà¥à¤µà¤¾à¤¸à¥à¤¥à¥à¤¯, धन तथा सतà¥à¤¤à¤¾ आदि के संबंध में शà¥à¤à¤¤à¤¾ तथा अशà¥à¤à¤¤à¤¾à¥¤
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